मैं भी एक जमाने में गांव के प्राइमरी स्कूल में आगे से फर्स्ट आने वाला हुआ, पांच तक तो टॉप ठैरा, कोई रिकौर्ड नहीं तोड़ पाने वाला हुआ. इस वजह से मासाप का, गों के लोगों का, आमा-बाबू का लाड़ला ह... Read more
हमारी हिंदी-रघुवीर सहायहमारी हिंदी एक दुहाजू की नई बीवी हैबहुत बोलनेवाली बहुत खानेवाली बहुत सोनेवालीगहने गढ़ाते जाओसर पर चढ़ाते जाओवह मुटाती जाएपसीने से गंधाती जाए घर का माल मैके पहुँचाती जा... Read more
एक और दिवस और हिन्दी में बिन्दी
एक बड़ा सा हॉल, इतना बड़ा कि मेरे कल्लू-झल्लू बैल की जोड़ी के साथ हमारी तीनों भैंसे और एक थोरू समेत गाँव के लगभग आधे परिवारों के इतने ही जानवर इसमें बांधे जा सकते थे. बीच में लगी एक बैंच जिसके... Read more
बात तब की है जब मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय में दाख़िला लिया. गॉंव से गया एक लड़का जिसने दिल्ली का नाम भर सुना था अचानक गॉंव की प्राकृतिक जिंदगी छोड़कर दिल्ली की मशीनी जिंदगी में प्रवेश कर गय... Read more
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