यहीं से निकलेगा उत्तराखंड की खुशहाली का रास्ता
सिकुड़ती पहाड़ी मंडियां और बाजार : यह उत्साहित करते चित्र आगराखाल, टिहरी गढवाल बाजार के हैं, जहां इन दिनों उत्साह का माहौल है. डेढ़ से दो ट्रक रोज अदरक की आमद आगराखाल बाजार में हो रही है जहा... Read more
कांवड़ का बदलता स्वरूप
सावन का महीना शिवपूजा के लिए इसलिए पवित्र और महत्वपूर्ण होता है क्यूंकि सावन माह में पार्वती जी ने तपस्या की सफलता से ही शिव को प्राप्त किया था. तब से ही शिव इस माह अपने प्रेमी / भक्तों... Read more
अक्सर बच्चे जब घूमने जाते हैं तो वह रोमांचकारी स्थानों पर बहुत खतरनाक स्थिति तक जाकर सेल्फी लेते हैं और अपने आप को अपने ग्रुप में कुछ अलग ही जिंदादिल साबित करते हैं. दुस्साहस की यह कोशिशें क... Read more
महिला सुरक्षा, अपराध और महिला उत्थान में है परिवर्तित नजरिए की दरकार: भारतीय समाज की बनावट अनादि काल से सामंतवादी रही है. ऋग्वेद के काल में जब ऋचाओं में अपनी आवश्यकताओं के लिए मनुष्य ने देवत... Read more
गत सप्ताह सीबीआई टीम के कोलकाता पुलिस आयुक्त से पूछताछ करने कोलकाता पहुंचने पर जिस प्रकार सीबीआई टीम को ही हिरासत में लिए जाने का हास्यास्पद समाचार सामने आया वह निश्चित रूप से सीबीआई की साख... Read more
उत्तराखंड के स्वतंत्रता संग्राम और अन्य जनान्दोलनों की बुनियाद है कुली बेगार उन्मूलन
बागेश्वर की ऐतिहासिक मकर संक्रांति (Makar Sankranti) 13 जनवरी 1921 मकर संक्रांति के दिन बागेश्वर (Bageshwar) के सरयूबगड़ में दस हजार से अधिक आजादी के दीवानों ने गुलामी और कलंक के प्रतीक कुली... Read more
74 वें संविधान संशोधन की जमीनी चुनौती
आजकल उत्तराखंड की 84 नगर निकाय में चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने पर, प्रचार जोरों में है. सुबह शाम मोहल्लों में प्रत्याशियों की आमद बढ़ रही है, नुक्कड़ की दुकानें फिर राजनीतिक गपशप से गुलजार... Read more
Popular Posts
- कार्तिक स्वामी मंदिर: धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का आध्यात्मिक संगम
- ‘पत्थर और पानी’ एक यात्री की बचपन की ओर यात्रा
- पहाड़ में बसंत और एक सर्वहारा पेड़ की कथा व्यथा
- पर्यावरण का नाश करके दिया पृथ्वी बचाने का संदेश
- ‘भिटौली’ छापरी से ऑनलाइन तक
- उत्तराखण्ड के मतदाताओं की इतनी निराशा के मायने
- नैनीताल के अजब-गजब चुनावी किरदार
- आधुनिक युग की सबसे बड़ी बीमारी
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : दिशाएं देखो रंग भरी, चमक भरी उमंग भरी
- स्याल्दे कौतिक की रंगत : फोटो निबंध
- कहानी: सूरज के डूबने से पहले
- कहानी: माँ पेड़ से ज़्यादा मज़बूत होती है
- कहानी: कलकत्ते में एक रात
- “जलवायु संकट सांस्कृतिक संकट है” अमिताव घोष
- होली में पहाड़ी आमाओं का जोश देखने लायक होता है
- पहाड़ की होली और होल्यारों की रंग भरी यादें
- नैनीताल ने मुझे मेरी डायरी के सबसे यादगार किस्से दिए
- कहानी : साहब बहुत साहसी थे
- “चांचरी” की रचनाओं के साथ कहानीकार जीवन पंत
- आज फूलदेई है
- कहानी : मोक्ष
- वीमेन ऑफ़ मुनस्यारी : महिलाओं को समर्पित फ़िल्म
- मशकबीन: विदेशी मूल का नया लोकवाद्य
- एक थी सुरेखा
- पहाड़ी जगहों पर चाय नहीं पी या मैगी नहीं खाई तो