जौनसार: जहां देवता आज भी चलते फिरते हैं
शिवालिक की सुरम्य पहाड़ियों में प्रकृति ने अनूठे रंग भरे हैं. यहाँ का जन जीवन भी विविधता से भरा है तो आद्य शक्ति के रहस्यों की गाथाओं का केंद्र भी. इनमें उत्तराखंड के साथ हिमाचल... Read more
लाखामंडल का महाभारतकालीन शिव मंदिर
उत्तराखण्ड के देहरादून जिले के लाखामंडल गाँव के पास ऐतिहासिक, पौराणिक और धार्मिक महत्त्व की धरोहरें हैं. ये धरोहरें उपेक्षित हैं, इसी वजह से जिस जगह पर सैलानियों का साल भर ताँता लगा रहना चाह... Read more
लाखामंडल उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल के देहरादून जिले की ग्राम सभा है. यह क्षेत्र जौनसार बावर के रूप में भी अपनी अलग सांस्कृतिक पहचान रखता है. लगभग 1000 की आबादी वाले इस गाँव में उत्तराखण्ड के... Read more
फुलदेई की फुल्यारी बसंत के रंग
फुलदेई, फुल्यारी के रंग फुलदेई का त्यौहार (Phool Dei Festival) उत्तराखण्ड में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है. जितने रंग बसंत के हैं उतने ही इस त्यौहार के भी. गढ़वाल मंडल (Garhwal) में यह त्य... Read more
जौनसार बावर का एक छोटा सा गांव है टिपोउ, लगभग 20 परिवार यहां रहते होंगे. इनमें एक परिवार दलीप वर्मा का भी है. परिवार के चार सगे भाइयों के सामने बेरोजगारी के कारण आर्थिक तंगी एक बड़ी समस्या थी... Read more
जौनसार बावर में स्त्री
दिल्ली में रहते हुए सुदूर पहाड़ के गाँव के रिश्तेदारों को निभाना एक दुरुह काम है. सगे संबंधी हमेशा इस आस में रहते है कि गाँव में रहने वाले खेतिहर और पशुचारक की मजबूरी तो एक बार को समझ में आ भ... Read more
इंटरनेट और सोशल मीडिया के अस्तित्व में आने के बाद से जौनसार बावर में गीत गाने वालों की बाढ़ सी आ गयी है. गीत गाना और उन्हें रचना अपने आप में एक कलात्मक अभिव्यक्ति है. गीत गाने या रचने वाले से... Read more
आदिम संस्कृति और समाज के लिए संघर्ष करता जौनसार बावर का त्यौहार – बूढ़ी दिवाली
पूरे देश मे दिवाली कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाई जाती है लेकिन उत्तराख़ण्ड के जिला देहरादून के जनजातीय श्रेत्र जौनसार बावर और हिमाचल के सिरमौर जिले लाधेई क्षेत्र के कुछ गावों में यह ठीक... Read more
जौनसार-बावरः अतीत से भविष्य तक –सुभाष तराण सुदूर उत्तर भारत के पहाडी प्रदेश उत्तराखंड में यमुना अपने उद्गम से लगभग सौ मील चल कर जब देहरादून जिले के पुरातन स्थल कालसी पहुँचती है तो वहाँ उसका... Read more
Popular Posts
- हमारे बच्चों के लिए गांव के वीडियो ‘वाऊ फैक्टर’ हैं लेकिन उनके सपनों में जुकरबर्ग और एलन मस्क की दुनिया है
- मेले से पिछली रात ऐसा दिखा कैंची धाम
- कमल जोशी की फोटोग्राफी में बसता पहाड़
- आज मनाया जाता है दसौर यानी गंगा दशहरा पर्व
- रुढ़िवादी परम्पराओं को दरकिनार कर बेटी ने किया मां का श्राद्ध
- भोट-तिब्बत व्यापार में दोस्ती और जुबान की कीमत
- आओ मिलकर अपनी धरती को बचाएं
- खटारा मारुति में पूना से बागेश्वर
- पहाड़ में लड़के का परदेश जाना बेटी की विदाई से कम नहीं
- सांसद अजय टम्टा का वीडियो क्लिप वायरल
- ‘हिमांक और क्वथनांक के बीच’ केवल यात्रा वृतांत नहीं है
- उत्तराखंड से मोदी कैबिनेट में शामिल होने वाले एकमात्र सांसद
- मार्कण्डेय की कहानी ‘हंसा जाई अकेला’
- अल्मोड़े का लच्छी राम थिएटर उर्फ़ रीगल सिनेमा
- पत्नी का पत्र
- जवाहरलाल नेहरू के ‘बेडू बॉय’ मोहन उप्रेती की आज पुण्यतिथि है
- आज आंचलिक त्यौहार वट सावित्री है
- सैर सपाटा और फर्राटा नहीं हैं चार धाम
- कहानी डाकू हसीना की
- अपने सांसदों को जानिये
- जीत की हैट्रिक लगाने वाले तीन धुरंधर : उत्तराखंड लोकसभा चुनाव
- भाजपा का क्लीन स्वीप : उत्तराखंड लोकसभा चुनाव लाइव
- गढ़वाल हिमालय के नैसर्गिक स्थलों और जनजीवन को चित्रित करती पुस्तक ‘परियों के देश खैट पर्वत में’
- कुमाऊनी बोली के प्रकार
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : आ चल के तुझे, मैं ले के चलूँ, इक ऐसे गगन के तले