जन्मदिन की शुभकामनायें जिम कॉर्बेट साहब
जेम्स ए. जिम कार्बेट (25 जुलाई 1875-19 अप्रैल 1955) जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से दुनिया भर के लोग भली भाँति परिचित हैं. इस पार्क को यह नाम जेम्स एडवर्ट जिम कॉर्बेट से मिला. (Edward James Corbe... Read more
एक थी शर्मीली
कॉर्बेट की एक ऐसी बाघिन जिसने अपनी असाधारण सुंदरता, अदभुत शारीरिक डील-डौल व शिकार करने के अभूतपूर्व क्षमता से देश ही नहीं वरन पूरे विश्व में प्रसिद्धि हासिल की. (Memoirs of Corbett Par... Read more
आज मैं आपके साथ ऐसा वाकया साझा कर रहा हूँ जिसके बाद भगवान के प्रति मेरी आस्था को और बल मिला. इस दिन मुझे किस्से-कहानियों में सुनी बातों को अपनी आँखों के सामने चरिथार्थ होते हुए देखने का मौक़... Read more
त्रिशूल के नीचे एक चोटी पर लेता मैं अपनी विपरीत दिशा में खड़ी एक चट्टान का दूरबीन से निरीक्षण कर रहा था.मैं सभी हिमालयी बकरियों से ज्यादा सधे हुए क़दमों वाले ‘थार’ का जायजा ले रहा था. उस खड़... Read more
त्रिशूल का पिशाच : जिम कॉर्बेट
हिमालय के ऊपरी इलाकों में कभी भी न रहे लोगों के लिए यह कल्पना भी कर पाना मुश्किल है कि वहां दूर-दूर बसी छोटी बसासतों में रहने वाले लोग किस तरह अंधविश्वास के घुटन भरे माहौल में रहते हैं. ऊंचे... Read more
इन दिनों कॉर्बेट पार्क में ली गयी एक तस्वीर देश भर में चर्चित है. तस्वीर में एक बाघिन कॉर्बेट पार्क में रामगंगा नदी के किनारे-किनारे ग्रासलैंड के एक छोर से दूसरे छोर की तरफ जा रही है. अपने र... Read more
Popular Posts
- पहाड़ों में पिछले एक महीने से खेतों में उत्सव का माहौल है
- जी रया जागि रया यो दिन यो मास भेटने रया
- कल हरेला है
- चौमास में पहाड़
- एक सुनहरे युग के आख़िरी बाशिंदे थे जिमी
- छिपलाकोट अंतरयात्रा: चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाएँ
- मखमली दुनिया के सफ़र में : फोटो निबंध
- कुन्चा : रं (शौका) समुदाय की एक कथा
- पहाड़ के खेतों से पेरिस ओलम्पिक का सफ़र तय करने वाली अंकिता
- आतंकी हमले में शहीद पांचों जवान उत्तराखंड के
- घर से नहीं निकलने वाला वोटर
- हरेला कब बोया जाता है
- कांग्रेस-बसपा के सामने अपनी सीटें बचाने की चुनौती : उत्तराखंड उपचुनाव
- सड़क की भूख गाँवों को जोड़ने वाले छोटे रास्ते निगल गई
- बगोरी की राधा
- पंवाली कांठा का सुकून : फोटो निबंध
- उत्तराखंड की पांच उच्च जोखिम वाली ग्लेशियल झीलें
- मैं रिसाल हूं, बिनसर का अभिन्न अंग, इसे जलाने का दोषी नहीं
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया
- देहरादून की जनता ने अपने पेड़ों को बचाने की एक और लड़ाई जीती
- जब पहाड़ के बच्चों का मुकाबला अंग्रेजी मीडियम से न होकर हिन्दी मीडियम से था
- मुनस्यारी के धर्मेन्द्र की डॉक्यूमेंट्री इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में दिखेगी
- तैमूर लंग की आपबीती
- हमारे बच्चों के लिए गांव के वीडियो ‘वाऊ फैक्टर’ हैं लेकिन उनके सपनों में जुकरबर्ग और एलन मस्क की दुनिया है
- मेले से पिछली रात ऐसा दिखा कैंची धाम