Featured

मुनस्यारी में बर्फ

बुधवार के दिन भी उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी जारी रही.

हिमालय में इस बार पहले के मुकाबले ज्यादा बर्फ पड़ी है. बर्फ गिरने हिमालय के लगभग दस हजार ग्लेशियर के रिचार्ज होने की उम्मीद है. इनमें से 3500 ग्लेशियर अकेले उत्तराखंड में ही मौजूद हैं.

उत्तराखंड में हुई बर्फबारी ने पिछले 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है. 1999 के जनवरी में 1158 से 1200 मीटर की ऊंचाई में स्थित गांवों और कस्बों में पड़ी थी. इसबार 1100 मीटर की ऊंचाई में इलाकों में भी बर्फबारी हुई है.

बागेश्वर में कौसानी, कपकोट अल्मोड़ा में शौकियाथल, वृद्ध जागेश्वर, धौलादेवी व गुरड़ाबाज की पहाड़ियों पर खूब बर्फबारी हुई है.

गढ़वाल में भी ऊखीमठ, जखोली और अगस्त्यमुनि ब्लाक के ऊंचाई वाले गांवों में मंगलवार सुबह छह बजे से शुरू हुई बर्फबारी बुधवार को भी रुक-रुककर जारी रही.

मुनस्यारी में लगातार हो रही बर्फबारी से पूरा मुनस्यारी क्षेत्र बर्फ से ढ़क गया है. एक तरफ जहां बर्फबारी से स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी और दूर-दूर से बर्फबारी का आनंद उठाने आए पर्यटकों के चेहरे खिले हुए हैं. मुनस्यारी के कई हिस्सों में दो से तीन फीट तक बर्फ जमा हो गई है.

पिथौरागढ़ आपदा विभाग ने जनपद में गुरुवार को भारी बर्फबारी व बारिश की चेतावनी जारी की है. एडीएम आरडी पालीवाल ने बताया कि जिले में अगले 24 घंटों में भारी बारिश व बर्फबारी का पूर्वानुमान बताया गया है.

किसी भी प्रकार की घटना की सूचना आपदा कन्ट्रोल रूम के टॉल फ्री नम्बर 1077 व लैंड लाइन नंबर 05965-230819 पर देने की अपील की है.

फिलहाल मुनस्यारी में हुई बर्फबारी की तस्वीरों का आनन्द लीजिये. मुनस्यारी की यह सभी तस्वीरें नरेंद्र सिंह परिहार ने ली हैं.

 

मूलरूप से पिथौरागढ़ के रहने वाले नरेन्द्र सिंह परिहार वर्तमान में जी. बी. पन्त नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हिमालयन एनवायरमेंट एंड सस्टेनबल डेवलपमेंट में रिसर्चर हैं.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Girish Lohani

Recent Posts

पहाड़ों में मत्स्य आखेट

गर्मियों का सीजन शुरू होते ही पहाड़ के गाड़-गधेरों में मछुआरें अक्सर दिखने शुरू हो…

14 hours ago

छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : जिंदगानी के सफर में हम भी तेरे हमसफ़र हैं

पिछली कड़ी : छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : दिशाएं देखो रंग भरी, चमक भरी उमंग भरी हम…

17 hours ago

स्वयं प्रकाश की कहानी: बलि

घनी हरियाली थी, जहां उसके बचपन का गाँव था. साल, शीशम, आम, कटहल और महुए…

2 days ago

सुदर्शन शाह बाड़ाहाट यानि उतरकाशी को बनाना चाहते थे राजधानी

-रामचन्द्र नौटियाल अंग्रेजों के रंवाईं परगने को अपने अधीन रखने की साजिश के चलते राजा…

2 days ago

उत्तराखण्ड : धधकते जंगल, सुलगते सवाल

-अशोक पाण्डे पहाड़ों में आग धधकी हुई है. अकेले कुमाऊँ में पांच सौ से अधिक…

3 days ago

अब्बू खाँ की बकरी : डॉ. जाकिर हुसैन

हिमालय पहाड़ पर अल्मोड़ा नाम की एक बस्ती है. उसमें एक बड़े मियाँ रहते थे.…

3 days ago