Featured

रं महोत्सव 2018 – फोटो निबन्ध

इस बार धारचूला में रं महोत्सव (एजीएम) 2018 का आयोजन किया गया है, जिसमें दारमा, व्यांस, चौदांस के 37 गांवों के लोगों के साथ ही देश-विदेश में सेवाएं दे रहे रं समाज के लोग शिरकत कर रहे हैंं. इस दौरान रं समाज और संस्कृति पर हो रहे आधुनिकता के प्रभावों की समीक्षा की गयी और आवश्यकता पड़ने पर रीति-रिवाजों और परंपराओं पर बोझ बन रहे नियमों में संशोधन भी किया जा सकता है. महोत्सव मे अपनी सामान्य गतिविधियों के अतिरिक्त इस वर्ष नमामि गंगे एवं स्वच्छ भारत अभियान को विशेष तौर पर शामिल किया गया है.

वार्षिक सामान्य सभा (एजीएम) आयोजन समिति को पूरे क्षेत्र से लोग एजीएम के सफल संचालन के लिए लाखों रुपये का सहयोग संचालन समिति को देते हैंं. इस सहयोग से यह समिति रं कल्याण के विभिन्न कार्यों को भी संपन्न करती है.

रंग महोत्सव 2018 की कुछ तस्वीरें. सभी फोटो नरेंद्र सिंह परिहार ने ली हैं.

 

मूलरूप से पिथौरागढ़ के रहने वाले नरेन्द्र सिंह परिहार वर्तमान में जी. बी. पन्त नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हिमालयन एनवायरमेंट एंड सस्टेनबल डेवलपमेंट में रिसर्चर हैं.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Girish Lohani

View Comments

  • अद्भुत महोदय
    एक और आधुनिकता की दौड़ में जहाँ लोग अपनी परंपराएं भूलते जा रहे है उस दौर में रं समाज द्वारा परंपराओं का वार्षिक मूल्यांकन उनमे बदलाव उनकी विस्तृत सोच और शैली को दर्शाता है

Recent Posts

कुमाउँनी बोलने, लिखने, सीखने और समझने वालों के लिए उपयोगी किताब

1980 के दशक में पिथौरागढ़ महाविद्यालय के जूलॉजी विभाग में प्रवक्ता रहे पूरन चंद्र जोशी.…

3 days ago

कार्तिक स्वामी मंदिर: धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का आध्यात्मिक संगम

कार्तिक स्वामी मंदिर उत्तराखंड राज्य में स्थित है और यह एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल…

5 days ago

‘पत्थर और पानी’ एक यात्री की बचपन की ओर यात्रा

‘जोहार में भारत के आखिरी गांव मिलम ने निकट आकर मुझे पहले यह अहसास दिया…

1 week ago

पहाड़ में बसंत और एक सर्वहारा पेड़ की कथा व्यथा

वनस्पति जगत के वर्गीकरण में बॉहीन भाइयों (गास्पर्ड और जोहान्न बॉहीन) के उल्लेखनीय योगदान को…

1 week ago

पर्यावरण का नाश करके दिया पृथ्वी बचाने का संदेश

पृथ्वी दिवस पर विशेष सरकारी महकमा पर्यावरण और पृथ्वी बचाने के संदेश देने के लिए…

2 weeks ago

‘भिटौली’ छापरी से ऑनलाइन तक

पहाड़ों खासकर कुमाऊं में चैत्र माह यानी नववर्ष के पहले महिने बहिन बेटी को भिटौली…

2 weeks ago