भारतीय लोकतंत्र के नायकों में से एक
चुनावों का यह मौसम लोकतंत्र के अनेक नायकों को याद करने का समय है.
स्वतंत्र भारत की सबसे मजबूत नेताओं में से एक थीं इंदिरा गांधी. वे चार बार देश की प्रधान्मन्त्री रहीं – पहले 1966 से 1977 तक लगातार तीन बार और फिर 1980 में. 1984 में उनकी हत्या हो गयी थी. उन्होंने अपने राजनैतिक जीवन में कोई भी चुनाव नहीं हारा सिवाय एक बार जब वे रायबरेली से चुनाव हार गयी थीं. उन्हें हारने वाले शख्स का नाम था राजनारायण.
![Raj Narain Indira Gandhi](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2019/03/Raj_Narain_2007_stamp_of_India.jpg)
राजनारायण पर जारी डाकटिकट
1971 का रायबरेली का चुनाव और अदालत का ऐतिहासिक फैसला
इन्हीं राजनारायण को इंदिरा गांधी ने 1971 के चुनावों में रायबरेली से ही परास्त किया था. अपनी हार के बाद राजनारायण ने आरोप लगाया कि इंदिरा गांधी ने चुनावों में जीत हासिल करने के लिए अवैध तरीके से सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया था और इस आशय का एक मुकदमा भी दर्ज करा दिया. 12 जून 1975 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजनारायण के पक्ष में फैसला सुनाया और इंदिरा गांधी के चुनाव को अवैध घोषित कर दिया. अदालत ने यह भी निर्णय दिया कि इंदिरा गांधी अगले छः साल तक लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ सकेंगी.
![Raj Narain Indira Gandhi](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2019/03/unnamed.jpg)
इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए जातीं इंदिरा गांधी
![Raj Narain Indira Gandhi](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2019/03/unnamed-5.jpg)
केस जीतने के बाद अपने वकील शान्ति भूषण के साथ राजनारायण
![Raj Narain Indira Gandhi](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2019/03/unnamed-1.jpg)
फैसला सुनाने के बाद अदालत से बाहर आते जस्टिस जगमोहनलाल सिन्हा
जेपी और मोरारजी
जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा द्वारा सुनाया गया यह फैसला भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक तारीखी मुकाम बन गया क्योंकि इसके आने के कुछ ही दिनों के बाद इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल यानी इमरजेंसी की घोषणा कर दी.
जस्टिस जगमोहनलाल सिन्हा के फैसले की प्रशंसा दुनिया भर में हुई. इस फैसले के आने के बाद जयप्रकाश नारायण ‘जेपी’, मोरारजी देसाई और राजनारायण के नेतृत्व में देश भर में हड़तालें हुईं और इन्हीं की अगुवाई में दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास के समीप विरोधियों का बहुत बड़ा जनसमूह जमा हो गया.
![Raj Narain Indira Gandhi](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2019/03/unnamed-2.jpg)
इस तरह व्यक्त हुआ जनता का क्षोभ
![Raj Narain Indira Gandhi](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2019/03/unnamed-3.jpg)
इमरजेंसी लगने से ठीक पहले हुई कांग्रेस की मीटिंग
![](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2019/03/unnamed-6.jpg)
जेपी की इस रैली के बाद लगा दी गयी थी इमरजेंसी
इमरजेंसी और जनता पार्टी की सरकार
इंदिरा गांधी द्वारा थोपी गयी इमरजेंसी का काल अठारह महीनों तक रहा जिसे भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दौर कहा जा सकता है. राजनैतिक दबाव के चलते इंदिरा गांधी को 1977 में चुनाव करवाने पड़े जिसमें कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी और जनता पार्टी की सरकार शासन में आई जिसके प्रधानमंत्री बने मोरारजी देसाई. इंदिरा गांधी को रायबरेली से पटखनी देने वाले राजनारायण को सरकार में स्वास्थ्यमंत्री का पद दिया गया.
डॉ. राममनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण के अलावा राजनारायण स्वातंत्र्योत्तर भारत में समाजवादी पार्टी के मुख्य स्तम्भ थे. डॉ. लोहिया कहते थे कि राजनारायण के पास शेर का दिल और गांधी की जीवनशैली है. वे कहते थे की अगर भारत में राजनारायण जैसे तीन या चार लोग हो जाएं तो देश में कभी भी कोई तानाशाह नहीं बन सकता.
ऐसे थे राजनारायण
15 मार्च 1917 को जन्मे राजनारायण ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था. 1942 के आन्दोलन के समय वे छात्र कांग्रेस के अध्यक्ष थे. 9 अगस्त 1942 को बनारस में उनके द्वारा संचालित किया गया प्रदर्शन ऐतिहासिक माना जाता है. उनके पिता अनंत प्रसाद सिंह बनारस जिले के एक धनी भूमिहार ब्राह्मण थे. राजनारायण ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से एमे और एलएलबी की डिग्रियां हासिल की थीं.
अपने पूरे जीवन काल में छात्र-आन्दोलनों और समाजवादी गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण उन्हें कुल 80 बार जेल जाना पड़ा और उन्होंने अपने जीवन का करीब 17 साल लंबा समय जेलों में बिताया. 1942 में अँगरेज़ सरकार ने उन्हें ज़िंदा या मुर्दा पकड़ने वाले को 5000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी.
आजादी के बाद आचार्य नरेंद्र देव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी से जुड़ गए इस साहसी राजनेता का निधन 31 दिसंबर 1986 को दिल का दौरा पड़ने से हुआ.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें