पिथौरागढ़ महाविद्यालय में चल रहे शिक्षक पुस्तक आंदोलन के संदर्भ में राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत द्वारा आंदोलन को बाहरी लोगों और राजनीति प्रेरित बताने का बयान भाजपा नेताओं को भारी पड़ने लगा है.
गुरुवार को भी राजनैतिक पार्टियों से जुड़े लोगों का धरना स्थल पर पहुंचना जारी रहा. वृहस्पतिवार को धरना स्थल पर पहुंचे नगरपालिका अध्यक्ष राजेन्द्र रावत का छात्रों ने घेराव कर दिया और उच्च शिक्षा मंत्री के बयान पर स्पष्टीकरण मांगा.
इस सवालों से नगरपालिका अध्यक्ष बचते नजर आए. इस मामले पर प्रतिक्रिया जानने के लिए छात्र छात्राओं द्वारा भाजपा नेताओं को फ़ोन किया गया जो अनुत्तरित रहे.
अमर उजाला की एक खबर के अनुसार पिथौरागढ़ में हो रहे छात्रों के आन्दोलन संबंधी एक सवाल पर मंत्री धन सिंह रावत ने कहा था कि कहीं न कहीं यह देखना पड़ेगा की यह आन्दोलन किताबों के लिये है या राजनीति के लिये. इस आंदोलन में कुछ बाहरी लोग भी शामिल हैं.
धन सिंह रावत के बयान का जिले भर में भारी आक्रोश के साथ विरोध हुआ और नगर क्षेत्र में जगह जगह पुतला दहन किया गया. बयान के विरोध स्वरूप उद्योग व्यापार मंडल पिथौरागढ़ द्वारा भी गांधी चौक में धन सिंह रावत का पुतला फूंका गया.
व्यापार मंडल अध्यक्ष शमशेर महर ने कहा कि धन सिंह रावत का यह बयान मूर्खतापूर्ण और और उन्हें इस पर माफी मांगनी चाहिए. चम्पावत जिले में भी युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष सूरज प्रहरी के साथ छात्रों द्वारा इस बयान को लेकर विरोध दर्ज किया गया साथ ही में चम्पावत कॉलेज के छात्रसंघ द्वारा भी आंदोलन की मांगों के समर्थन में मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया.
धरने के पच्चीसवें दिन नगर के सभी सभासदों ने धरना स्थल पर आकर समर्थन दिया और आंदोलन को घर घर पहुंचाने की बात की.
–शिवम पाण्डेय की रपट
बाहरी लोग कर रहे हैं पिथौरागढ़ छात्र आंदोलन – उच्च शिक्षा मंत्री उत्तराखंड
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