उत्तराखंड के मानचित्र में मुनस्यारी को एक दूरस्थ क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया जाता है. मुनस्यारी मुख्यालय से करीब 25 किमी की दूरी पर एक गांव है पातों. पातों गांव में आज भी सड़क नहीं जाती है. People of Pataon village Pithoragarh
गांव के लोग दैनिक जीवन की सामग्री के लिये भी पांच किमी की खड़ी चढ़ाई पैदल तय करते हैं. स्वास्थ्य शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव के बावजूद भी इस गांव में पिछले दिनों एक भव्य रं महोत्सव और वार्षिक महोत्सव का आयोजन किया गया. People of Pataon village Pithoragarh
इस क्षेत्र में सबसे ऊँचाई पर इस स्थित गांव के लोग विश्व के लोगों के लिये एक मिसाल कायम कर रहे हैं. अपनी जड़ों से जुड़ने के नाम पर ऊंचे मंच से भाषण दिये जाते हैं, बड़े शहरों में भव्य आयोजन किये जाते हैं लेकिन इस गांव के लोगों का आयोजन बताता है कि जड़ों से जुड़ा रहना कितना जरूरी है.
विश्व में आज ऐसे बहुत कम लोग बचे हैं जो अपनी जमीन और अपनी जड़ में रहकर दुनिया को अपनी संस्कृति और परम्परा को बचाये रखने का संदेश देते हैं. दुनिया को संदेश देना आसान है लेकिन पातों गांव के लोगों की तरह अपनी जमीन में रहकर संदेश देना एक नई मिसाल पेश करता है.
9 नवम्बर के दिन रं कल्याण संस्था रालम-पातों इकाई द्वारा पातों गांव में एक भव्य समारोह किया गया. समारोह का उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथिगण डॉ गणेश सिंह मार्छाल और नैनीताल बैंक डीजीएम उत्तराखंड धनराज सिंह नपलच्याल द्वारा किया गया था.
इस समारोह में एक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया. इस आयोजन में पातों गांव के सभी सम्मानित जन शामिल हुये और रंगारंग कार्यक्रम के साथ अपनी सभ्यता और संस्कृति को सहेजकर रखते हुये वैश्विक स्तर पर संदेश दिया.
इस विषय पर फेसबुक पर एक लम्बी पोस्ट लिखते हुये नरेंद्र ढकरियाल ने कुछ तस्वीरें साझा की हैं. काफल ट्री ने नरेंद्र ढकरियाल की फेसबुक वाल से सभी तस्वीरें साभार ली हैं.
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