जब से आधुनिक जीवनशैली और खानपान ने इंसान का हर तरीके से बेड़ा गर्क करना शुरू किया तभी से प्राकृतिक जीवन पद्धति की तरफ ध्यान दिया जाने लगा. विभिन्न अध्ययनों से यही तथ्य सामने आया कि हमारा पारम्परिक खानपान काफी पौष्टिक हुआ करता था. इसमें पौष्टिकता के साथ-साथ औषधीय गुण भी मौजूद हुआ करते थे. यानि यह भोजन शरीर को पर्याप्त उर्जा और पोषण तो देता ही था साथ में बीमारियों से लड़ने में भी मददगार था. इन्हीं में एक है रामकरेला, जाड़ों के मौसम में पहाड़ी थाली की एक स्वादिष्ट सब्जी. (Pahari Vegetable Ramkarela)
बरसात का मौसम ख़त्म होते ही पहाड़ों में बेल पर पनपने वाला पहाड़ी करेला उगने लगता है, जिसे राम करेला भी कहा जाता है. यह आम प्रचलित करेले की तरह कड़वा नहीं होता. अगस्त से नवम्बर माह के बीच रामकरेला उत्तराखण्ड के पहाड़ी इलाकों में बहुतायत से पैदा होता है, इसकी बेल को ज्यादा देख-रेख की जरूरत भी नहीं होती.
उत्तराखण्ड के अलावा यह दक्षिण अमेरिका में भी पाया और खाया जाता है. पेरू में इसे काइवा कहते हैं. राम करेला पौष्टिकता के साथ औषधीय गुणों से भी भरपूर है. इसमें फाइबर, प्रोटीन, आयरन के साथ एंटी आक्सीडेंट तत्व मौजूद हैं. इसे दूध में उबालकर टॉन्सिलिस्ट का उपचार भी किया जा सकता है. इसका रस उच्च रक्तचाप के अलावा खून में कोलेस्ट्राल के स्तर को भी ठीक रखता है. यह धमनी रोग, संचार समस्याओं और शुगर के इलाज में भी कारगर है.
जिस सब्जी को हम राम करेला के नाम से जानते हैं उसका वैज्ञानिक नाम है सिलेंथरा पेडाटा (Cyclanthera pedata) है.
इस सब्जी का नाम राम करेला क्यों पड़ा यह तो किसी को पता नहीं, लेकिन मान्यता है कि भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान इस सब्जी का सेवन किया था तभी से इसे राम करेला कहा जाने लगा. (Pahari Vegetable Ramkarela)
रामकरेले के भीतर पाए जाने वाले बीज कच्चे होने पर हरे होते हैं और पककर ये लाल और फिर काले हो जाते हैं. हरे बीजों को सब्जी में काटकर डाल दिया जाता है और काले पके बीजों को निकाल लिया जाता है. इन काले बीजों से बहुत बेहतरीन स्वादिष्ट चटनी तैयार की जाती है, इसके बारे में फिर कभी.
बहुत आम से दिखने वाले रामकरेले के बीज बहुत ख़ास हैं. इन बीजों से बनी चाय से उच्चरक्तचाप को नियंत्रण में किया जा सकता है. इन बीजों का पाउडर पेट के कीड़ों को ख़त्म करने के काम आता है. यह बीज जठराग्नि का भी उपचार हैं.
रामकरेले की सब्जी प्याज में छोंकर, उसमें हल्दी, नामक, मिर्च और धनिया डालकर आसानी से बनायीं जा सकती है. (Pahari Vegetable Ramkarela)
– सुधीर कुमार
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