एक गांव में एक मां और बेटा रहते थे. मां बेचारी अपने लड़के की बेवकूफियों से बड़ी परेशान थी. एक दिन बेटे ने अपनी मां से कहा- मां मैं किसी लड़की से कैसे प्यार करूं. मां बेचारी पहले तो हंसी और कुछ न बोली. जब लड़के ने इसी बात की रटन लगा दो तो मां ने कहा- जा नौले के पास जा. वहां जो लड़की आये उस पर छोटा सा मिट्टी का ढेला मारना अगर मुस्कुरा जाये तो समझना लड़की प्यार करने लगी है.
(Kumaoni Folklore Evan Pavlovich Minerva)
लड़के ने मां की बात सुनी और चला नौले पास. लड़का नौले के पास जाकर बैठ गया और करने लगा इंतजार प्यार करने वाली लड़की का. तभी सिर में फौला रखकर एक लड़की नौले में पानी भरने आई. लड़के ने मां की बात का पालन किया और दे मारा एक ढेला लड़की पर. लड़की न तो कुछ बोली और न हंसी. लड़के को तो पता ही नहीं था अगर लड़की ऐसा करे तो आगे क्या करना है.
लड़का हुआ लाटा उसने पकड़ा एक बड़ा पत्थर और दे मारा लड़की के सिर पर. लड़की रही वहीं पर मुंह रहा खुला का खुला और आंखे ये बड़ी-बड़ी खुली. लड़का उसके पास गया देखा जमीन में पड़ी लड़की बस उसी को देखी जा रही है, नजरें भी कहीं ईधर-उधर नहीं घुमा रही है. उसने कहा- अब करेगी मुझसे प्यार.
लड़का खुश होता हुआ अपने घर लौटा और अपनी मां को बताया- मां मुझसे एक लड़की प्यार करने लगी है. इतना प्यार की उसकी नज़र बस मुझ पर ही टिकी रहती है. एक नज़र भी ईधर-उधर नहीं देखती.
(Kumaoni Folklore Evan Pavlovich Minerva)
मां ने पूछा- कहाँ है रे ऐसी लड़की जो तुझसे इतना प्यार करती है. लड़के ने कहा- मां नौले में ही पड़ी है. मैंने उसको एक छोटा ढेला मारा तो वह चुप रही फिर मैंने आस—ास देख कर एक बड़ा पत्थर मार दिया फिर वह मुझसे प्यार करने लगी. मां पूरा माजरा समझ गयी. वह समझ गयी उसके बेटे ने लड़की को मार दिया है.
मां जल्दी-जल्दी नौले के पास गयी लड़की के गहने-जवाहरात उतारे और उसे एक गड्ढे में डाल दिया. उसने पास में चार रही एक बकरी को मारकर नौले में डाल दिया. उसी समय उसके लड़के ने नौले में अपनी मां को कुछ डालते हुये देखा.
तभी गांव का नगाड़ा बजने लगा और घोषणा हुई कि एक सेठ की लड़की उसके यहां से गायब हो गयी है. जो भी उसका पता बतायेगा सेठ उसको मोटा ईनाम देगा. लड़के ने घोषणा सुनते ही लोगों के सामने ढिंग हांकते हुये कहा- अरे वो लड़की मुझसे बहुत प्यार करती थी. लोगों ने उससे पूछा- तो कहा है तेरे से प्यार करने वाली लड़की. लड़के ने कहा- नौले में.
(Kumaoni Folklore Evan Pavlovich Minerva)
सब लोग लड़के के साथ नौले में गये. वहां जाकर देखा कुछ न था. लड़के से पूछा- क्यों रे लड़के कहाँ है लड़की. उसने कहा- लड़की तो नौले में पानी के अंदर है. लोगों ने कहा- कैसा बेवकूफ है जाकर बचा उसको जरा. आदमी नौले में घुसा तो उसके हाथ बकरा लगा. उसने कहा- तुम्हारी लड़की के दो कान थे कान? सबने कहा- हां दो कान थे. क्या उसकी चार टाँगे थी लड़के ने पूछा. लोग उसकी बेवकूफी पर हँसते क्या करते. सोचा बेवकूफ हाथों को भी पैर कह रहा है कहने लगे- हां हां निकाल निकाल चार पैर थे.
लड़के ने फिर पूछा- सींग कितनी थी सींग दो थी न? अब लोगों को लगा लड़का मसखरी कर रहा है उन्होंने गुस्से कहा- जो है उसे निकाल जल्दी. लड़के ने हाथ ऊपर किये तो बकरा निकला. लोगों को बड़ा गुस्सा आया और लड़के को खूब पीट दिया.
(Kumaoni Folklore Evan Pavlovich Minerva)
ई. पा. मिनायेव द्वारा रूसी में लिखे कुमाऊनी लोक कथाओं के आधार पर. ई. पा. मिनायेव द्वारा रूसी में लिखे कुमाऊनी लोक कथाओं के संकलन का जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रूसी भाषा के प्राध्यापक और विभागाध्यक्ष रहे प्रोफ़ेसर हेमचन्द्र पांडे द्वारा किया गया यह हिंदी अनुवाद उनकी किताब कुमाऊंनी की लोककथाएं से साभार किया गया है.
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