जागेश्वर एक हिन्दू धार्मिक स्थान है जो अल्मोड़ा शहर से 37 किमी की दूरी पर है. समुद्र तल से 1,870 मी की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर समूह में कत्यूरीकाल, उत्तर कत्यूरीकाल एवं चंद्र काल के कुल 124 मंदिर हैं जिनका निर्माण काल 9वीं से 13वीं सदी के मध्य बताया जाता है. यह मन्दिर मुख्य रुप से शिव के साथ विष्णु, देवी शक्ति और सूर्य देवता को समर्पित है. (Jageshwar Uttarakhand Tourism Travel)
स्कन्द पुराण के मानस खण्ड में जागेश्वर ज्योतिर्लिंग की व्याख्या की गयी है. स्कन्द पुराण के अनुसार आठवाँ ज्योतिर्लिंग, नागेश, दरुक वन में स्थित है. दरुक नाम देवदार वृक्ष पर आधारित है जो इस मंदिर के चारों ओर फैले हुए हैं. एक अन्य दंतकथा के अनुसार, भगवान् राम के पुत्र लव और कुश ने यहाँ यज्ञ आयोजित किया था जिसके लिए उन्होंने देवताओं को आमंत्रित किया था. कहा जाता है कि उन्होंने ही सर्वप्रथम इन मंदिरों की स्थापना की थी. जागेश्वर को हटकेश्वर और नागेश्वर के नाम से भी जाना जाता है. (Jageshwar Uttarakhand Tourism Travel)
जागेश्वर धाम पर्यटन के लिहाज से एक बेहद उम्दा स्थान है. यहां पर्यटक अकेले भी जा सकते हैं और परिवार और दोस्तों के साथ भी जा सकते हैं. देवदार के पेड़ों के बीच का शांत वातावरण मन की शांति और मेडिटेशन के लिये बहुत अच्छा है. जागेश्वर धाम जाने के लिये अंतिम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है. यहां से कुमाऊं के गावों के बीच से होते हुए दो से ढाई घंटे सड़क मार्ग से अल्मोड़ा और फिर जागेश्वर पहुंचा जा सकता है.
बस से : आनन्द विहार स्टेशन दिल्ल्ली से उत्तराखंड रोडवेज की बस सीधा अल्मोड़ा तक जाती हैं. दोपहर 3 बजे से रात्रि 8 बजे तक साधारण बस आसानी से मिल जाती हैं.
ट्रेन से : जागेश्वर जाने के लिये अंतिम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है. यहां से साझा टैक्सी से अल्मोड़ा तक जाया जा सकता है. साझा टैक्सी के लिये काठगोदाम से बेहतर हल्द्वानी रेलवे स्टेशन है यहां से कम किराये पर आसानी से अल्मोड़ा के लिये टैक्सी और बस मिल जाती हैं.
हवाई यात्रा : जागेश्वर के लिये सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर है. यहां से टैक्सी अल्मोड़ा के लिये मिल जाती हैं.
जागेश्वर में रुकने के लिये थोड़े से छोटे-छोटे सस्ते होटल मिल जाते हैं. यहां आने वाले अधिकांश यात्री अल्मोड़ा के होटलों में रुकते हैं दिन के समय जागेश्वर धाम के दर्शन करते हैं. अल्मोड़ा से जागेश्वर धाम की दूरी लगभग 37 किमी है.
जागेश्वर में आपको खाने के लिये सामान्य और शाकाहारी भोजन ही मिलेगा. जागेश्वर धाम के आस-पास के होटल में आपको भारतीय और मोमोस और चाऊमीन जैसे कुछ फास्टफूड के होटल मिल जायेंगे.
जागेश्वर आर्योकियोजिकल म्यूजियम
जागेश्वर धाम के पास ही जागेश्वर म्यूजियम है. यहां उमा/ महेश्वर, सूर्य नवग्रह म्यूजियम के कुछ विशिष्ट कलेक्शन में हैं. यहां 124 विशिष्ट मूर्तियों का समूह मौजूद है. यहां शिव की विष पीते हुए मूर्ति भी मौजूद है. यहीं चार हाथ वाली चामुंडा की भी मूर्ति है.
वृद्ध जागेश्वर
जागेश्वर से 3 किमी की दूरी पर वृद्ध जागेश्वर मंदिर है. कहा जाता है कि शिव के जागेश्वर आने से पूर्व यहां शिव का निवास स्थान था.
महामृत्युंजय मंदिर
महामृत्युंजय मंदिर जागेश्वर मंदिर का ही हिस्सा है. यह जागेश्वर मंदिर समूह का सबसे बड़ा और सबसे पुराना मंदिर है.
झांकर सैम महादेव मंदिर
जागेश्वर मंदिर समूह के दक्षिण में तीन-चार किलोमीटर दूर झांकर सैम महादेव मंदिर स्थित है. यहां ईश्वर के त्रिनेत्र रूप और उनकी जटाओं की पूजा की जाती है.
अन्य पर्यटक स्थल
दण्डेश्वर मंदिर, लकुलीश मंदिर, पुष्टि देवी मंदिर, मिरतोला आश्रम जागेश्वर के समीप के कुछ प्रमुख पर्यटक स्थल हैं.
सभी फोटो हमारे फोटोग्राफर साथी जयमित्र सिंह बिष्ट के खींचे हुए हैं.
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