अमेरिकी सेना ने आखिरकार पाकिस्तान को दी जाने वाली 300 मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद को रोकने का फैसला ले लिया है. पाकिस्तान में बनी इमरान खान की नई सरकार को पहला तगड़ा झटका लगा है.अमेरिकी मिलिटरी ने पाकिस्तान को दी जानेवाली 30 करोड़ डॉलर (2130 करोड़ रुपये से ज्यादा) की मदद रद्द कर दी है.
अमेरिकी सेना की ओर से कहा गया है कि जिस तरह से पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कदम उठाने में विफल रहा है. ऐसे में अमेरिका के इस फैसले के बाद पाकिस्तान की छवि को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक और बड़ा झटका लगा है. डोनाल्ड ट्रंप अपने नई साउथ एशिया पॉलिसी को लेकर कहा चुके हैं कि पाकिस्तान जब तक आतंकवाद के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं करेगा, तब तक यह पॉलिसी सफल नहीं हो सकती है. अमेरिका के साथ पाकिस्तान के संबंध पहले से ही तनावपूर्ण चल रहे हैं, अब इस फैसले के बाद द्विपक्षीय रिश्ते और कमजोर हो सकते हैं.
दरअसल, अमेरिका पाकिस्तान के पड़ोसी देश अफगानिस्तान में 17 वर्षों से लड़ाई लड़ रहा है. पाकिस्तान में आतंकियों के छिपने से उसे कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ता है. हालांकि पाकिस्तान अमेरिका के इस आरोप से इनकार करता रहा है.अमेरिका ने यह फैसला आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए इस्लामाबाद की कथित विफलता के बाद लिया है.
हालांकि, अभी अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के इस फैसले को कांग्रेस की मंजूरी मिलना बाकी है. अमेरिका का यह फैसला जनवरी में उसके फैसला का ही हिस्सा है, तब भी अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद रोक दी थी. अमेरिका का यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो इस सप्ताह पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान से मिलने इस्लामाबाद पहुंच रहे हैं.
इस से पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने पाकिस्तानी सैनिकों को प्रशिक्षित करने के अपने दशक पुराने कार्यक्रम को निलंबित कर दिया है. रूसी रक्षा केंद्रों में पाकिस्तानी सैनिकों को प्रशिक्षण देने के संबंध में इस्लामाबाद और मॉस्को के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर होने के कुछ दिनों बाद मीडिया रिपोर्टों में यह दावा किया गया है.
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