हैडलाइन्स

भारत ने बांग्लादेश को रौंदकर सातवीं बार खिताब पर किया कब्जा

भारत ने शुक्रवार को बेहद रोमांचक मुकाबले में आखिरी गेंद पर बांग्लादेश को तीन विकेट से हराकर सातवीं बार एशिया कप जीत लिया. बांग्लादेश ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 223 रनों का लक्ष्य रखा था. भारतीय टीम ने सात विकेट खोकर आखिरी गेंद पर लक्ष्य हासिल कर एशिया कप-2018 का खिताब अपने नाम कर लिया.

आखिरी ओवर में भारत को 6 गेंद पर 6 रन चाहिए थे. बल्लेबाजी के लिए केदार जाधव और कुलदीप यादव क्रीज पर मौजूद थे. दोनों ही बल्लेबाजों ने बिना किसी हड़बड़ी के आसानी से लक्ष्य को हासिल किया.

कुलदीप यादव और केदार जाधव की शानदार गेंदबाजी के बाद आखिरी ओवरों में संयमित बल्लेबाजी के दम पर भारत ने यह मैच आखिरी पल में जीता.जीत के लिए 223 रन के लक्ष्य के जवाब में भारत को आखिरी दो ओवर में नौ रन चाहिए थे लेकिन 49वें ओवर में तीन ही रन बने जिसके बाद आखिरी छह गेंद में छह रन की जरूरत थी. आखिरी गेंद पर लेग बाई से बने रन ने भारत को खिताब जितवाया.

इससे पहले लिटन दास (121) की शानदार शतकीय पारी के दम पर बांग्लादेश ने एशिया कप के फाइनल में टीम इंडिया को 223 रन का लक्ष्य दिया. बांग्लादेश की पूरी टीम 48.3 ओवर 222 रन पर ढेर हो गई. कुलदीप यादव तीन विकेट चटकाकर सबसे सफल गेंदबाज बने.

दास ने अपनी शतकीय पारी में 117 गेंदों का सामना किया और 12 चौकों के अलावा दो छक्के लगाए. भारत के लिए कुलदीप यादव ने तीन विकेट लिए. केदार जाधव को दो सफलताएं मिलीं जबकि जसप्रीत बुमराह और युजवेंद्र चहल को एक-एक विकेट मिला.

भारत के लिए कप्तान रोहित शर्मा ने 55 गेंद में तीन चौकों और तीन छक्कों के साथ 48 रन बनाए. दिनेश कार्तिक ने 37 और महेंद्र सिंह धोनी ने 36 रन का योगदान दिया. चोट लगने के कारण कुछ देर मैदान छोड़कर जाने वाले केदार ने नाबाद 23 रन बनाए.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

उत्तराखंड में सेवा क्षेत्र का विकास व रणनीतियाँ

उत्तराखंड की भौगोलिक, सांस्कृतिक व पर्यावरणीय विशेषताएं इसे पारम्परिक व आधुनिक दोनों प्रकार की सेवाओं…

2 days ago

जब रुद्रचंद ने अकेले द्वन्द युद्ध जीतकर मुगलों को तराई से भगाया

अल्मोड़ा गजेटियर किताब के अनुसार, कुमाऊँ के एक नये राजा के शासनारंभ के समय सबसे…

6 days ago

कैसे बसी पाटलिपुत्र नगरी

हमारी वेबसाइट पर हम कथासरित्सागर की कहानियाँ साझा कर रहे हैं. इससे पहले आप "पुष्पदन्त…

6 days ago

पुष्पदंत बने वररुचि और सीखे वेद

आपने यह कहानी पढ़ी "पुष्पदन्त और माल्यवान को मिला श्राप". आज की कहानी में जानते…

6 days ago

चतुर कमला और उसके आलसी पति की कहानी

बहुत पुराने समय की बात है, एक पंजाबी गाँव में कमला नाम की एक स्त्री…

6 days ago

माँ! मैं बस लिख देना चाहती हूं- तुम्हारे नाम

आज दिसंबर की शुरुआत हो रही है और साल 2025 अपने आखिरी दिनों की तरफ…

6 days ago