विश्व प्रसिद्ध वेदांत आश्रम मायावती के धर्मार्थ अस्पताल कृपालया में चल रहे चिकित्सा सेवा शिविर गरीब, अक्षम और बेसहारा लोगों के लिए मददगार बने हुए हैं . आश्रम की ओर से समय-समय पर आयोजित होने वाले इन शिविरों में काली कुमाऊँ के आसपास के नगर, गांव-तोकों के अलावा यूपी, नेपाल सहित दूर-दराज के क्षेत्रों से आये सभी मरीजों का निशुल्क इलाज किया जाता है .
अद्वैत आश्रम मायावती लोहाघाट में राम कृष्ण मिशन की ओर से जन सेवार्थ रूप में समय-समय पर बाल रोग, स्त्री रोग, शल्य चिकित्सा आदि निशुल्क सेवा शिविर आयोजित किये जाते हैं . इन शिविरों में विशेषज्ञ डाक्टरों की देखरेख में मरीजों के आंख, कान, नाक, गला, दांत आदि संबंधी बीमारियों का उपचार किया जाता है . शिविरों का लाभ महज आधार कार्ड या किसी एक आईडी प्रुफ के साथ कोई भी व्यक्ति ले सकता है . अमूमन यह अस्पताल गर्मी में सुबह आठ और सर्दियों में सुबह दस बजे से आम मरीजों के लिए खोल दिया जाता है . इसके अलावा दोपहर लंच के बाद एक बार फिर अस्पताल में इलाज की प्रक्रिया शुरू हो जाती है . अब तक लाखों की संख्या में आकर लोग यहां अपना इलाज करा चुके हैं . दवा के अलावा इस जगह की आवोहवा भी इलाज के लिए आये मरीजों को भला-चंगा करने के लिए मुफीद है . आपरेशन के लिए एडमिट मरीजों की देखभाल हेतु अस्पताल में एक-एक तीमारदार का रहना आवश्यक है . आश्रम की ओर से मरीजों को प्रत्येक दिन एक टाइम फल, दूध और दो बार भोजन की सुविधा भी निशुल्क रूप से दी जाती है . मरीजों के साथ आये तीमारदार आश्रम स्थित रसोईघर में अपने लिए भोजन बना सकते हैं .
काली कुमाऊँ के लोगों के बीच मैपट नाम से प्रचलित यह स्थान अपनी सुंदरता सहित वेदांत दर्शन का मूक गवाह रहा है . वर्ष 1901 में यहां स्वामी विवेकानंद कुछ दिनों के प्रवास के लिए रूके और इस जगह पर राम कृष्ण मठ की स्थापना की . आश्रम की तेजोमय आकृति, आश्रम परिसर के चारों ओर चौड़ी पत्तीदार हरे-भरे पेड़-पौधों से आच्छादित जंगल, वातावरण में गूंजती चिड़ियों की चहचहाहट, दूर सामने कालांतर से खड़े अटल हिमालय को देखते हुए इस आलौकिक स्थान पर कदम रखते ही अपार शांति के साथ आदि शक्ति की भी अनुभूति होने लगती है .
जिले के मैदानी क्षेत्र टनकपुर से लगभग 90 किलोमीटर दूर लोहाघाट तक उत्तराखंड परिवहन की बस या प्राइवेट टैक्सी से पहुंचा जा सकता है . लोहाघाट से महज 09 किलोमीटर दूरी पर स्थित है अद्वैत आश्रम मायावती . यहां तक पहुंचने के लिए लोहाघाट से टैक्सी हायर की जा सकती है . खास तौर पर अस्पताल में कैंप आयोजन के समय लोहाघाट स्टेशन से प्रति सवारी के हिसाब से लगी टैक्सियां आसानी से उपलब्ध रहती हैं .
यह लेख चम्पावत के रहने वाले ललित मोहन गहतोड़ी ने लिखा है. ललित उत्तराखंड सरोकारों पर लिखते रहते हैं.
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