कुमाऊं के इतिहास का एक और विस्मृत पृष्ठ- 2
नीलू कठायत- नीलू राजबुग पहुंचे जस्सा कमलालेख लिख से द्वार पर भेंट हुई. जस्सा ने बतलाया कि तल्ला देश भाबर पर संभल के नवाब ने अधिकार कर लिया है. उसकी सेना ने जनता पर गजब ढाया है. सैकड़ों मारे... Read more
हिंदी सिनेमा की पहली फ़सक
मदान थियेटर और इम्पीरियल भारत में पहली बोलती फिल्म से पहले फिल्म निर्माण की सनसे बड़ी दो कम्पनियां थी. बोलती फिल्म बनने के बाद इनके मालिकों के बीच एक नयी प्रतिस्पर्धा शुरू हो गयी. इमपिरयल के... Read more
ओ परुआ बौज्यू की गायिका बीना तिवारी के साथ मुलाकात
पिछली सदी के अंत तक जब टीवी का प्रचलन बहुत ज्यादा नहीं था, तब तक रेडियो ही आमजन के मनोरंजन का साधन था. जैसे-जैसे टीवी का प्रचलन बढ़ा, तथाकथित मनोरंजक चैनलों की बाढ़ आई और उसमें पारिवारिक दैन... Read more
पाब्लो नेरुदा से एक बातचीत
पाब्लो नेरुदा (12 जुलाई 1904 – 23 सितंबर 1973) की रहस्यमय -सी मृत्यु पर हिन्दी दुनिया में विशेष चर्चा नहीं हुई‐ शायद इसलिए कि उससे कुछ ही पहले नेरुदा को नोबेल पुरस्कार मिलने पर पक्ष-वि... Read more
देवी भगवती को समर्पित कोटगाड़ी देवी
देवी भगवती को समर्पित कोटगाड़ी देवी का मंदिर पिथौरागढ़ जनपद में उसके मुख्यालय से 55 किलोमीटर तथा डीडीहाट से 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित धार्मिक एवं मध्यकालीन व्यवसायिक कस्बेथल के निकट पांखू... Read more
परम भ्रष्टाचार विरोधी, अन्ना भक्त, भाई साहब !
भाई साहब, भ्रष्टाचार को अपने पतीत-पावन देश के लिए बहुत बड़ी बीमारी मानते थे. वे इसे देश के ऊपर कलंक के तौर पर देखते थे. वे मानते थे कि जिम्मेदार जगहों पर बैठे लोग जनता की मुसीबतों को दूर करने... Read more
उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने आज राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह राज्य निर्माण में योगदान देने वाले आंदोलनकारियों के लिए एक स्पष्ट नीति जारी करे. उन्होंने कहा कि आंदोलनक... Read more
उत्तराखण्ड राज्य को बने आज लम्बा समय हो चुका हैं. यहां के लोगोें के निरन्तर संघर्ष, आंदोलन और उनकी शहादत से जन्मा यह प्रदेष देष के राजनैतिक मानचित्र में पृथक राज्य के रुप में जरुर उभरा है पर... Read more
साझा कलम – 1 – लोकेश पांगती
[एक ज़रूरी पहल के तौर पर आज से हम अपने पाठकों से काफल ट्री के लिए उनका गद्य लेखन भी आमंत्रित कर रहे हैं. अपने गाँव, शहर, कस्बे या परिवार की किसी अन्तरंग और आवश्यक स्मृति को विषय बना कर आप चार... Read more
ग्राहक विष्णु खरे दो बार चक्कर लगा चुकने के बाद तीसरी बार वह अंदर घुसा. दूकान ख़ाली थी सिर्फ़ एक पाँच बरस का ख़ुश बच्चा आईने के सामने कुर्सी पर बैठा हुआ था जिसका बाप लम्बी बेंच से आधी निगाह... Read more