विष्णु खरे पर असद ज़ैदी का मोहब्बतनामा
इस रूप में वह हमारे सबसे क़ीमती समकालीन थे – असद ज़ैदी पंद्रह नवम्बर 2017 की शाम दिमाग़ में नक़्श है. लोदी रोड श्मशान में कुँवर नारायण के अंतिम संस्कार के वक़्त अचानक दो लोगों पर नज़र प... Read more
जोहार घाटी का सफ़र भाग – 9
पिछली कड़ी अंधेरा घिरने लगा तो वापस गांव के ठिकाने को चले. तब सायद पांच परिवार ही मिलम में प्रवास पर आए थे. पहले मुनस्यारी के ल्वां, बिल्जू, टोला, मिलम, मर्तोली, बुर्फु, मापा, रेलकोट, छिलास आ... Read more
जानें क्या है सीबीआई?
सीबीआई के निवर्तमान निदेशक और 1979 बैच के आईपीएस अधिकारी आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के विरुद्ध मीट कारोबारी मोइन कुरैशी के मामले में रियायत हेतु रिश्वत लिए जाने का अभियोग पंजीक... Read more
आँसुओं से बनी है टिहरी झील
टिहरी को बाँध बनने से पहले न देख पाने का अफसोस तो हमेशा ही रहा इसलिए इस बार मैंने बाँध बन जाने के बाद बसी नई टिहरी को देखने का मन बना लिया और अगली सुबह हरिद्वार के लिए निकल गयी. मार्च का मही... Read more
जिसे हँसने की तमीज नहीं वो भी जाए भीतर
हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताएँ – 4 अस्सी के दशक में समकालीन कविता में जिन महत्वपूर्ण कवियों ने पहचान बनायी उसमें हरीश चन्द्र पाण्डे का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है. समकालीन हिन्दी कव... Read more
ग्रीन बोनस पर मुखर होने का समय आ गया है
हम हिमालय के चौकीदार, मांग रहे अपनी पगार उत्तराखंड में निर्माणाधीन ऑल वेदर रोड पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के पर्यावरण के आधार पर निर्माण कार्य रोके जाने के बाद हिमालय समाज खासकर उत्तराखंड म... Read more
उत्तराखंड के प्रस्तर शिल्प में गंगा -कौशल सक्सेना भारतीय इतिहास में सबसे पहले गंगा का मूर्ति-रूप में अंकन गुप्त काल में ही प्रारम्भ हुआ. गंगा दर्शन परम मांगलिक प्रतीक बना. गंगा दर्शन के बिना... Read more
चेहरों पर पहाड़ का दर्द उकेरता कलाकार
सन 1977 में जब मैंने ‘स्वतंत्र भारत’ से पत्रकारिता की शुरुआत की तो साहित्यिक-सांस्कृतिक रुचियों के कारण साहित्य, रंगमंच और कला जगत के सक्रिय लोगों से परिचय शुरू हुआ. अपने वरिष्ठ साथी प्रमोद... Read more
सियार और सूरज
अफ्रीकी लोक-कथाएँ: 4 बहुत पुरानी बात है जब आदमी जानवर थे और जानवर आदमी, एक सियार अपने बूढ़े पिता के साथ रहता था. एक दिन बूढ़े ने अपने बेटे से कहा: “सुनो बेटा, तुमने अपने लिए जल्द ही एक दुल्ह... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 4
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मंदिर में... Read more