चालबाज़ आदमी और दोस्ती की परख
अफ्रीकी लोक कथाएँ – 6 दो लड़के पक्के दोस्त थे. उन्होंने हमेशा एक दूसरे के साथ बने रहने का वादा किया हुआ था. जब वे बड़े हुए उन्होंने आमने-सामने अपने घर बनाए. दोनों के खेतों के दरम्यान ए... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 6
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मंदिर में... Read more
जामुन के पेड़ वाला भूत बनना है मुझे
मरने के बाद लोग कहां रहते हैं, मुझे पूरा पता है. गांव के धुनकारी मरने के बाद नीम के पेड़ पर चढ़ा दिए गए लेकिन कुछ दिन बाद कैथे के पेड़ पर पाए जाने लगे. लाली सहाय के बड़े भाई पीपल के पेड़ पर... Read more
पानी वाले हरे पटाखे
दिवाली में पटाखों के फोड़ने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने अपना एक फैसला दिया है जिसमें उन्होंने ग्रीन क्रैकर्स या हरित पटाखे शब्द का जिक्र किया था. दिवाली में पटाखों के दीवाने जब बाजार में ग्... Read more
जब तक सामर्थ्य है देखूंगा दुनिया की सारी चहल-पहल
हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताएँ – 5 अस्सी के दशक में समकालीन कविता में जिन महत्वपूर्ण कवियों ने पहचान बनायी उसमें हरीश चन्द्र पाण्डे का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है. समकालीन हिन्दी कव... Read more
ईरानी महिला फ़िल्मकार ‘मरजियेह मेश्किनि’ की पहली फ़िल्म ‘द डे व्हेन आई बीकेम वुमन’ तीन छोटी फ़िल्मों में से दूसरी फ़िल्म आहू भी ईरानी समाज की महिलाओं के गहरे दुःख और उससे... Read more
उत्तराखण्ड के सूर्य मंदिर
उत्तराखण्ड में भगवान सूर्य के मंदिरों की बात चलती है तो सबसे पहले अल्मोड़ा-रानीखेत मार्ग पर स्थित कटारमल के सूर्य मंदिर का ध्यान आता है. यहाँ स्थापित सूर्य देवता को बड़ादित्य के नाम से पुकारा... Read more
कहो देबी, कथा कहो – 6
पिछली कड़ी वे कहानियां ओ हो, वह आंगन में घुघुते-घुघतियों का दाने चुगना! टोकरी के भीतर उन्हें पकड़ने की कोशिश… ‘और, अनायास ही मैंने अतीत की ओर दौड़ काट दी है. टोपी सिर से निकाल कर हाथ में... Read more
राजकुमारी, राजा और एक आदमी की कथा
अफ्रीकी लोक कथाएँ – 5 कुछ समय पहले जंगल में एक अकेला शिकारी रहता था. उसका कोई परिवार नहीं था और वह बाकी लोगों से दूर रहा करता था. एक दिन उस इलाके के राजा ने अपनी प्रजा को अपराधियों से... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 5
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मंदिर में... Read more