स्वयं को सर्वज्ञानी समझने वाले भाई साहब
भाई साहब बड़े ही जानकार हैं. सब कुछ जानते हैं. हर चीज की उन्हें नॉलेज है. दूसरों की नॉलेज तथा काबिलियत पर उन्हें हमेशा शक रहता है. आप किसी विषय पर बात करें, भाई साहब को उसकी पूरी जानकारी होगी... Read more
यहां के युवक-युवतियों लगभग 35 वर्ष की उम्र तक साइकिल, मोटर साइकिल, कार, बस, ट्रेन, हवाई जहाज से घूमते रहते हैं. कहीं कोई चिन्ता के चिह्न नहीं, किसी को किसी से कोई मतलब नहीं हरेक की अपनी अलग... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 17
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मंदिर में... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 28
काठगोदाम व रानीबाग के बीच ऊँची पहाड़ी पर शीतला देवी का मंदिर है. अब यहाँ चहल-पहल बढ़ गयी है लेकिन पहले यहाँ वीरानी रहा करती थी. इस स्थान को शीतलाहाट नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि चंद... Read more
पीहू की कहानियाँ – 3
जब पीहू ने मेरी ग़लती को ठीक किया पीहू के माता पिता रोहित विश्वकर्मा और प्रेरणा शर्मा की सहमति मिलने के बाद मैंने तय किया कि अब मुझे पीहू से रोज़ मिलना चाहिए. पीहू से दोस्ती बनाने के लिए भी... Read more
कहो देबी, कथा कहो – 9
पिछली कड़ी अहा, वह हैदराबाद अहा, उन दिनों का वह हैदराबाद! अंबरपेट फार्म से शाम को थका-मांदा होटल में लौटता. नहा-धोकर एबिड रोड की ओर निकल जाता. लौटते हुए कई बार ताजमहल होटल में खाना खा लेता. आ... Read more
इस यात्रा में हमें सेना का निरंकुश शासन भी देखने को मिला. एक स्टेशन पर ट्रेन रुकी. इतने में कुछ सैनिकों ने डिब्बे में प्रवेश किया तथा यात्रियों को डिब्बा खाली करने का हुक्म दिया. डिब्बे में... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 16
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मंदिर में... Read more
लखु उडियार के भित्तिचित्र
लखु उडियार उत्तराखंड के अल्मोड़ा शहर से 13 किमी. दूर अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ मार्ग में स्थित है. लखुउडियार का हिन्दी में अर्थ हैं ‘लाखों गुफायें’ अर्थात इस जगह के पास कई अन्य गुफायें भी हैं. लखुउडिय... Read more
पहाड़ और मेरा बचपन – 6
(पिछली क़िस्त से आगे. पिछली क़िस्त का लिंक – पहाड़ और मेरा बचपन दिल्ली की कुछ और यादें मेरे स्मृतिपटल पर इतनी साफ अंकित हैं कि उनका ब्योरा दिए बिना आगे बढ़ना अनुचित होगा. सिर्फ इसलिए नहीं... Read more