मीडिया व बाजार धीरे-धीरे हमारी विभिन्न लोक व उसकी संस्कृतियों को निगलते जा रहे हैं. और यह इतने धीरे से दबे पॉव हो रहा है कि हमें पता ही नहीं चल रहा है कि हम अपने “लोक” व उसकी संस... Read more
कहो देबी, कथा कहो – 10
पिछली कड़ी सायोनारा…सायोनारा सिकंदराबाद स्टेशन पर मैंने एलिस से पूछा, “काफी पिएं?” वह बोली, “जरूर.” मैंने काफी मंगाई. हम बस काफी पी ही रहे थे कि बगल के जनरल डिब्बे से हमारा अधेड़ फील्डमै... Read more
यात्रा जारी रहेगी इस्तानबूल से कहानी उन पश्चिमी यायावर युवकों की शुरू होती है जो कि योरोप एवं अमेरिका के उस समाज से, जिसके प्रति उन्हें आक्रोश है, अपने आक्रोश को मिटाने के लिए हिमालय के उस छ... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 19
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मंदिर में... Read more
नीम करोली बाबा की दुर्लभ तस्वीरें – 1
नैनीताल और गरमपानी के बीच स्थित नीम करोली ( नीब करौरी ) आश्रम, कैंची धाम लम्बे समय से श्रध्दालुओं की भक्ति के बड़े केंद्र के रूप में विकसित होता जा रहा है. इस आश्रम की स्थापना करने वाले बाबा... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 29
पहाड़ की प्रमुख मंडी हल्द्वानी के आबाद होने की कहानी बहुत रोचक है. इसका वर्तमान चाहे कितना ही स्वार्थी हो गया हो इसका भूतकाल बहुत ईमानदार और विश्वास पर आधारित था. मूल रूप से रानीखेत के रहने व... Read more
भाबर के गांवों में टैक्टरों के कारण बैल रखने तो लोगों ने अब खत्म ही कर दिये हैं. दूध के लिये लोग गाय की अपेक्षा भैंस पालना ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि उसके दूध में फैट ज्यादा होता है और डेय... Read more
बागेश्वर के बाघनाथ मंदिर की कथा
पवित्र सरयू नदी के धरती पर अवतरण से सीधी जुड़ी हुई है बागेश्वर के विख्यात बाघनाथ मंदिर की कथा. मिथक है कि जब ऋषि वशिष्ठ सरयू गंगा को देवलोक से लेकर आ रहे थे, उसी समय मुनि मार्कंडेय उस स्थान प... Read more
मानव के प्रदर्शन करने की भावना बहुत शक्तिशाली होती है. जीवन के इस नाटक में अपनी कला प्रदर्शन का अगर पर्याप्त अवसर नहीं मिलात है तो इसके परिणाम होते हैं, विमान अपहरण या सामूहिक हत्याकांड जैसी... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 18
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मंदिर में... Read more