हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 65
6 सितम्बर 1989 का दिन भी हल्द्वानी में एक दुखद घटना वाला दिन रहा. दरअसल इस घटना के पीछे पुलिस के प्रति आम जनता का छिपा आक्रोश था जो पूरे कुमाऊं अंचल में छा गया पुलिस चौकियों-थानों में आगजनी,... Read more
गगास के तट पर : उत्तराखंड की समाजार्थिकी पर केन्द्रित हिंदी का पहला उपन्यास
गगास के तट पर : जगदीश चन्द्र पांडे (1968) (इतने विशाल हिंदी समाज में सिर्फ डेढ़ यार : सोलहवीं क़िस्त) हिंदी समाज की विडंबना है कि पाठक साहित्यिक जानकारी को लेकर इतना लापरवाह है कि वह न तो अपने... Read more
1857 का ग़दर और उत्तराखंड
1857 की क्रान्ति तक कुमाऊँ में गार्डनर, ट्रेल, गोवन, लुशिंगटन और बैटन के नेतृत्व में ब्रिटिश कंपनी के शासन को 42 साल गुजर चुके थे. गदर के दौरान कुमाऊँ का कमीश्नर हैनरी रैमजे था. हैनरी रैमजे... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 63
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मं... Read more
स्पीति घाटी की कुछ तस्वीरें
स्पीति घाटी के गाँव के ज्यादातर घर मिट्टी के बने हैं जो अंदर से गरम रखते हैं. एक खास बात स्पीति घाटी के गाँव के घरों में एक घास (पेमा) रखी जाती है. जो पानी को मिट्टी से मिलने से बचाती है. इस... Read more
चाइनामैन गेंदबाजी का चीन से आखिर क्या सम्बन्ध है
भारतीय गेंदबाज कुलदीप यादव को चाइनामैन गेंदबाज भी कहा जाता है. कुलदीप यादव भारत के पहले चाइनामैन गेंदबाज हैं और अपनी जादुई गेंदों से कई नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 64
आज उत्तराखण्ड की प्रमुख मण्डी के रूप में हल्द्वानी स्थापित है. पूर्व में यहां मण्डी का कारोबार मंगल पड़ाव, मीरा मार्ग (पियर्सनगंज), रेलवे बाजार, महावीर गंज में था. महावीरगंज को रहीम गंज कहा ज... Read more
अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 12
गुडी गुडी डेज़ (स्थिति तनावपूर्ण किन्तु नियंत्रण में है…) अमित श्रीवास्तव न गर्मी न जाड़े के गुदगुदे से दिन थे गुडी गुडी में. सुबह के ठीक सात बजे थे. देवकीनंदन पाण्डे अपना गला खंखार चुके... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 62
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मं... Read more
अल्मोड़ा कैंट में शरद
अल्मोड़ा का कैंट एरिया अल्मोड़ा के बीचों बीच होते हुए भी प्रतिदिन कंक्रीट के जंगल में तब्दील होते जा रहे अल्मोड़ा में प्रकृति प्रेमियों और घूमने के लिए सबसे मुफीद जगह है. सर्दियों में प्रकृत... Read more