पिछले दो दशकों से पिथौरागढ़ के लोग नगर के आसमान पर उड़ता हुआ हवाई जहाज देख पाने की उम्मीद लगाये बैठे हैं. जहाज तो कभी दिखा नहीं लेकिन पिछले कुछ सालों में नैनीपातल से बनने वाला धुँआ पिथौरागढ़ के... Read more
कब्बू और शेरा
कहो देबी, कथा कहो – 23 पिछली कड़ी: कहो देबी, कथा कहो – 22, हवा में गूंजे गीत भला कब्बू और शेरा को कैसे भूल सकता हूं. हमारे जीवन में कबूतर पहली बार वर्षों पहले सन् 1972-73 में तब आया था, जब हम... Read more
सुल्ताना डाकू की अजब दास्तान
सुल्ताना डाकू के नाम से कुख्यात सुलतान सिंह का ताल्लुक उत्तर प्रदेश के बिजनौर-मुरादाबाद इलाके में रहने वाले घुमन्तू और बंजारे भांतू समुदाय से था. भांतू अपने आपको मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 65
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
पिथौरागढ़ का लम्बकेश्वर महादेव मंदिर
हिमालय को महादेव का वासस्थल माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मस्त-मलंग शिव-शंकर, भोलेनाथ को हिमालय में रमना प्रिय है. लिहाजा उत्तराखण्ड की देव भूमि में सर्वाधिक लोकप्रिय भगवान शिव ह... Read more
और इस तरह जौ की ताल ने बचाई इज्जत, मैंने मां के सामने स्वाभिमान की रक्षा की
पहाड़ और मेरा बचपन – 13 (पिछली क़िस्त : और हम वापस पहुंचे पहाड़ों की गोद में, ठुलीगाड़ बना पिथौरागढ़ में अड्डा) (पोस्ट को लेखक सुन्दर चंद ठाकुर की आवाज में सुनने के लिये प्लेयर के लोड होने की... Read more
उत्तराखण्ड के तीन जिलों – पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी – की सीमाएं चीन से लगती हैं. अस्सी के दशक तक इन तीनों जिलों में रहने वाली आबादी का नब्बे प्रतिशत से अधिक हिस्सा ग्रामीण था.... Read more
आज जब नैनीताल समेत उत्तर भारत के सभी विख्यात हिल स्टेशनों में क्रिसमस-न्यू ईयर पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ा करती है, तमाम ट्रेवल एजेंसियां तरह-तरह के ऑफर्स दे रही हैं, छोटे-छोटे कस्बों में क्रिसम... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 64
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
कोसी कटारमल का सूर्य मंदिर
कोसी कटारमल के सूर्य मंदिर कैम्पस में खड़े होकर एक पत्थर जिसमें अजीब सी भाषा में कुछ लिखा हुआ है, की ओर इशारा करते हुए शम्भू राणा जी ने मुझसे कहा – ‘क्या तुम इस भाषा के बारे में कुछ जान... Read more