कहो देबी, कथा कहो – 34 पिछले कड़ी- कहो देबी, कथा कहो – 33 वह नई शाखाओं के खुलने और ऋण मेलों का दौर था. गांव-गांव और घर-घर तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने की चर्चाएं की जाती थीं. उस माहौल में लखन... Read more
पहाड़ की क्लासिक प्रेमकथा : कोसी का घटवार
शेखर जोशी का जन्म 10 सितंबर 1932 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के ओलिया गांव में जन्म हुआ. अनेक सम्मानों से नवाजे जा चुके हिन्दी के शीर्षस्थ कहानीकारों में गिने जाने वाले शेखर जोशी के अनेक कह... Read more
ग़ज़ल का सुनने का शौक़ हो और आपने जगजीत सिंह का नाम न सुना हो ऐसा मुमकिन नहीं. 8 फरवरी 1941 में जन्मे जगजीत सिंह के मन में यह लक्ष्य स्पष्ट था कि रिवायती अंदाज़ से हट कर कुछ नया नहीं किया गय... Read more
एक छोटे से राज्य के मामूली से गाँवों-कस्बों के कुछ युवा एक छोटे से शहर में पढ़ाई करने के दौरान आपस में मिलते हैं. कुछ अनगढ़ सांस्कृतिक गतिविधियाँ करते हुए खुद को पहचानते हैं, पहचान कर तराशते ह... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 108
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
पाली-पछाऊं द्वाराहाट से 12 मील की दूरी पर है. इसे चन्द राजाओं की राजधानी के रूप में जाना जाता है. यहाँ गोरखागढ़ी नामक जगह पर गोरखा राज्य के अवशेष आज भी खण्डहर के रूप में मौजूद हैं. ईसा से लगभ... Read more
यह लेख अटैची के बारे में नहीं है
आज प्रातः समाचार मिला कि एक मित्र की नियुक्ति उप निदेशक के पद पर हो गई है. मित्र की नियुक्ति के इस समाचार से प्रसन्नता होनी चाहिये थी ,पर मुझे आश्चर्य अधिक हुआ. मुझे लगता है कि वो इस पद के अ... Read more
उत्तराखंड ग्रामीण संस्कृति का हिस्सा ‘दाल-भात’
दाल-भात का उत्तराखंड ग्रामीण संस्कृति में पहला स्थान है. नामकरण, जनेव, शादी, बरसी सभी में दाल-भात मुख्य भोजन होता था. बात उस समय की है जब न कार्ड था न चिठ्ठी. कार्ड से निमंत्रण देने की परम्प... Read more
एक समय था जब दुनिया भर में मलेरिया जानलेवा बीमारी मानी जाती थी और असंख्य लोग इसकी चपेट में आकर असमय काल कवलित हो जाया करते थे. मलेरिया के चलते ही उत्तराखंड के पहाड़ों से मैदानी भागों यानी तरा... Read more
उर्दू से सबसे सफल शायर सब मानते हैं कि उर्दू एक बेहद मीठी ज़बान है. इस भाषा में लिखी गयी कविता भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे लोकप्रिय काव्य विधा मानी जा सकती है. पीढ़ियों से लोग देश, काल और परिस्थ... Read more