उत्तराखंड के हर घर में बनने वाली भांग की चटनी
भांग शब्द सुनते ही अधिकांश लोगों के दिमाग में नशे जैसा कुछ आता हो या जै-जै शिव-शंकर की धुन बजती हो लेकिन अगर आप उत्तराखंड से हैं तो भांग से सबसे पहले आपको भांग की चटनी याद आयेगी. फिर आलू के... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 124
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
धरती मिट्टी का ढेर नहीं है अबे गधे
वीरेन डंगवाल (Viren Dangwal) के बारे में मशहूर कवि/सम्पादक/आलोचक विष्णु खरे ने लिखा था: “लेकिन इससे बड़ी ग़लती कोई नहीं हो सकती कि हम वीरेन डंगवाल को सिर्फ कवियों, कलाकारों और मित्रों का... Read more
आज पिथौरागढ़ जिले को बने 60 साल हो चुके हैं. छोटे-छोटे गाँवों से मिलकर 1960 में इस जिले को बनाया गया था. इससे पहले यह अल्मोड़ा तहसील का हिस्सा हुआ करता था. मुख्य शहर के गांव मिलकर एक क़स्बा बना... Read more
हैप्पी बड्डे जिला पिथौरागढ़
आज पिथौरागढ़ जिले का जन्मदिन है. 60 साल पहले आज ही के दिन पिथौरागढ़ जिले का गठन किया गया था. 24 फ़रवरी 1960 से पहले तक पिथौरागढ़ अल्मोड़ा जिले की एक तहसील हुआ करता था. 24 फरवरी 1960 को सीर, सोर,... Read more
ऋषिकेश मुखर्जी की कालजयी फिल्म: किसी से न कहना
ऋषिकेश मुखर्जी, दिलचस्प और जीवंत सिनेमा के फन मे माहिर सिनेकार रहे हैं. उनकी फिल्मों में बेहद हल्के-फुल्के अंदाज में सांस्कृतिक विमर्श तो रहता ही था, साथ ही उसमें एक गहरा संदेश भी निहित होता... Read more
इस तरह बनती थी हमारे घरों की पाथर वाली छत
उत्तराखंड में अब कुमाऊनी शैली के घर बनने लगभग बन्द हो गये हैं. दो दशक पहले तक गांवों में इस शैली के भवन बनते थे लेकिन अब गांव में भी सीमेंट सरिया वाले मकानों का बोलबाला है. कुमाऊनी शैली में... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 123
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
उत्तराखण्ड का राज्य पक्षी मोनाल
मोनाल उत्तराखण्ड का राज्य पक्षी (State Bird Uttarakhand Munal) है. मोनाल फैजेन्ट (Pheasant) परिवार का लोफ़ोफ़ोरस (Lophophorus) जींस का एक पक्षी है. इसकी तीन प्रजातियाँ और बहुत सी उपप्रजातिया... Read more
फिर छलक उठे पहाड़वासियों के आंसू
जो पहाड़ अपनी बेपनाह ख़ूबसूरती के लिए दुनिया-जहां से घूमने आए पर्यटकों के दिल में एक ख़ूबसूरत चाह बनकर बस जाते हैं, अपने ही लोग उन पहाड़ों से टूटे पत्थरों की तरह महानगरों की ओर छिटक-भटक कर क... Read more