चुनाव टिकट की घोषणा के साथ फूफा बनने की रीत
भविष्य में यदि कभी पारिवारिक रिश्तों की परिभाषा की कोई किताब छपेगी तो उसमें फूफा की परिभाषा कुछ इस तरह हो सकती है- परिवार के बाहर का वह मूल सदस्य जिसे हर बात पर बात पर घंटों मुंह फुलाने का ल... Read more
भिटौली के महीने में गायी जाती है गोरिधना की कथा
जेठ म्हैणा जेठ होली, रंगीलो बैसाख, रंगीलो बैसाख लाड़ो म्हैणा, योछ चैतोलिया मास. बैणा वे येछ गोरी रैणा मैणा ऋतु मयाल. कुमाऊँ के जोहार अंचल में गाये जाने वाले इस गीत का भाव है— जेठ का महीना सबस... Read more
होली के आखिरी दिन पुरुषों के भोजन एवं पेय की एक मौखिक पुस्तक कई वर्षों से चली आ रही है. यह पुस्तक किसी ने न लिखी है न पढ़ी है इसके बावजूद होली की इस पुस्तक के नियमों का पालन दशकों से किया जात... Read more
होली के बहाने एक जरुरी मिक्स डबल्स की जरूरी याद
हैं बिखरे रंग माज़ी के -अमित श्रीवास्तव उस तरफ विपुल की आवाज़ थी. इस तरफ फोन के जाने कौन था. तब तक, जब तक मैं नहीं था! विपुल ने भी लगभग चार साल बाद ही फोन किया था. पहली कुछ लाइनों में तकल्लुफ़... Read more
होली बच्चों का पसंदीदा त्यौहार है. होली में मटरगश्ती तो होती है लेकिन साथ में पकवान इस मटरगश्ती को दोगुना बड़ा देते हैं. होली में बनने वाले पकवानों में एक है गुजिया. बच्चों से लेकर बूढ़े गुजिय... Read more
तब देख बहारें होली की
अठारहवीं शताब्दी के आगरा के शायर नजीर अकबराबादी (Nazeer Akbarabadi 1740-1830) ने अपने आसपास के साधारण जीवन पर तमाम कविताएँ लिखीं. होली पर उनकी यह रचना बहुत विख्यात है. जब फागुन रंग झमकते हों... Read more
कुमाऊनी होली: अतीत के कुछ पन्ने
कूर्मांचल जिसे वर्तमान में कुमाऊँ नाम से संबोधित किया जाता है, अनादि काल से विश्व में अपनी विशेष पहचान बनाए हुए है. कालांतर में चंदवंशी चंद राजाओं ने इसे अपनी राजधानी बनाया. यहीं से शासन करत... Read more
फागुन को पौड़ी के बड़े याकूब का इन्तजार रहता है
होली है जो बैरभाव को जगाती है और न जात-पात को देखती है और न छोटे-बड़े का भेद समझती है. ऐसा त्यौहार भारतीय संस्कृति के अतिरिक्त कहीं नहीं दिखाई देता है. जिसमें सचमुच समाज आपसी मनमुटाव को भुला... Read more
इलेक्शन के वे दिन और रागी बाबा
एक हाथ से बाएँ कंधे पर टिकाई हुई बांस की पतली डंडी पर झूलता लाल झंडा, दूसरे हाथ में घुंघरू जड़ी जांठी (लाठी), दाएं कंधे पर भूदानी थैला लिए कोई पांच फीट की छरहरी काया और गेहुंआ रंगत वाला वह इं... Read more
उत्तराखंड में गायी जाने वाली होलियां
उत्तराखंड में गायी जाने वाली होली मूलतः ब्रजभाषा से प्रभावित है. गढ़वाल और कुमाऊं दोनों ही हिस्सों में अनुवादित होली ही अधिकांशतः गायी जाती हैं हालांकि कुमाऊं क्षेत्र में मौलिक होली भी गायी ज... Read more