सस्सू की चिट्ठी
गुडी गुडी डेज़ अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 19 अमित श्रीवास्तव दुखवा कासे कहूं… बात ही बात में बस बात हुई जाती है सुबू तो होती ई नहीं रात हुई जाती है कैसे कहूं? जब से तुम्हें देखा है ज... Read more
आज भारतीय नववर्ष है
आज चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा का दिन है. आज के दिन से नवरात्रि शुरु होती है और हिन्दू नववर्ष भी मनाया जाता है. इसे विक्रम संवत या नव संवत्सर कहा जाता है. संवत्सर 60 प्रकार के होते हैं. विक्... Read more
1915 में दिल्ली में जन्मीं तारा पांडे के जीवनवृत्त को ख्यात लेखिका नमिता गोखले ने अपनी प्रसिद्ध किताब ‘माउन्टेन एकोज़’ में जगह दी है. इस पुस्तक में उनके अलावा तीन अन्य कुमाऊनी मूल की महिलाओं... Read more
बचपन में फलदार पेड़ों का आनंद:
मेरा बचपन-1 (डीडी पन्त की अप्रकाशित जीवनी के अंश) -देवी दत्त पंत सुबह उठते ही कोलाहल, चिन्ता, अव्यवस्था, 70 वर्श के जीवन का यह आखिरी पड़ाव कैसा बीभत्स है! विज्ञान, तकनीक, समाजशास्त्र, नीतिशास... Read more
उत्तराखंड सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट से पर्यटन और शिक्षा के पन्ने किये गायब?
पिछले साल उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पन्त ने उत्तराखंड का पहला आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने का दावा किया था. केंद्र सरकार वार्षिक बजट से पहले एक रिपोर्ट जारी करती है जिसे आर्थिक समीक्षा क... Read more
नारायण सिंह थापा: बन्दूक से कैमरा तक का सफर
जब एन.एस. थापा की पहली डॉक्युमैन्ट्री फिल्म देखी मैं 10-11 साल का था और कैलेन्सी हाईस्कूल मथुरा में कक्षा 6 का छात्र था. गांव लौटने पर फिल्में दूर हो गई. फिर कालेज में आने पर बालीवुड या हाली... Read more
गुमानी पन्त की प्राप्त रचनाएं
कुमाऊनी साहित्य की शुरुआत लोकरत्न गुमानी से मानी जाती है. कवि गुमानी का जन्म 1790 ई. माना गया है. इस लिहाज से जब कवि गुमानी ने कविता लिखना शुरु किया होगा तब कुमाऊं प्रदेश में गोरखाओं का शासन... Read more
उत्तराखण्ड में धर्मशालाओं के निर्माण की शुरुआत करने वाले काली कमली वाले बाबा
काली कमली वाले बाबा को उत्तराखण्ड के तीर्थयात्रा के रास्तों पर धर्मशालाओं के निर्माण के लिए विशेष तौर पर याद किया जाता है. Baba Kali Kamli Wale इनके बारे में कहा जाता है कि इनका जन्म 1831 मे... Read more
कुछ दिनों पहले अचानक हमें अपनी बुद्धि पर फिर से तरस आने लगा. यह कोई नई बात नहीं थी. किसी मनोचिकित्सक की शरण में जाना हमने जरूरी नहीं समझा. असल में साल छह महीने में एक बार ऐसा हो ही जाता है.... Read more
बाजूबन्द : हिमालय की घसियारियों के गीत
पहाड़ की महिला का जीवन यदि किसी से नजरभर भी देखा होगा तो इस बात ने जरुर इत्तेफाक रखेगा कि पहाड़ में महिलाओं का जीवन अत्यंत कठिन है. आज से कुछ दशक पहले तक पहाड़ के गांव आत्मनिर्भर थे. ग्रामीण पर... Read more