अल्मोड़ा डिग्री कॉलेज में फाइन आर्ट द्वितीय वर्ष के छात्र हैं भास्कर भौर्याल. एक बेहतरीन चित्रकार. 19 साल की उम्र में ही भास्कर के हाथ जिस तरह से कागजों में पहाड़ी लोकजीवन का जीवंत चित्रण कर द... Read more
ऐवरेस्ट में चढ़ने वाला पहला पर्वतारोही
जार्ज मैलेरी एक मात्र पर्वतारोही था जिसने ब्रिटिश सरकार के ऐवरेस्ट में पर्वतारोहण करने के सन् 1921, 1922 और 1924 के अभियानों में हिस्सा लिया था. मैलोरी का जन्म 18 जून 1886 में हुआ था और उसका... Read more
1954 में उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद में जन्मे अष्टभुजा शुक्ल (Ashtbhuja Shukla) वर्तमान हिन्दी कविता के सबसे महत्वपूर्ण हस्ताक्षरों में शामिल हैं. चुटीली भाषा और समाज पर पैनी निगाह उनके काव्... Read more
तब बहुत निष्कपट हुआ करता था पहाड़ी जीवन
मेरा बचपन-3 (आखिरी क़िस्त) (डीडी पन्त की अप्रकाशित जीवनी के अंश पिछली कड़ी का लिंक : एक एसडीएम को देखकर मुझे खूब पढ़ने की इच्छा हुई -देवी दत्त पंत एक घटना याद आती है. मैं आठ या नौ साल का रहा हू... Read more
मुन्ना भाई एमबीबीएस ने दुनिया को जीना सिखा दिया
चिकित्सा-जगत में ये बात बड़ी शिद्दत से महसूस की जाती है कि, नब्ज देखने की परिपाटी अब लगभग विलुप्त सी होती जा रही है, जिसमें रोगी-नैदानिक- संबंधों में एक किस्म की ऊष्मा सी हुआ करती थी. आधा निद... Read more
सरयू नदी के तट पर बसा कपकोट बागेश्वर जिले की एक तहसील का नाम है. बागेश्वर मुख्यालय से कपकोट की दूरी लगभग 25किमी होगी. क्षेत्रफल के आधार पर यह बागेश्वर जिले की सबसे बड़ी तहसील है. ओकले ने अपनी... Read more
मनसा देवी मंदिर हरिद्वार में स्थित मनसा देवी को समर्पित मंदिर है. मनसा देवी को शक्ति का एक रूप माना जाता है. हिमालय की शिवालिक चोटियों में स्थित मनसा देवी मंदिर मंदिर के संबंध में मान्यता है... Read more
मैं चमारों की गली तक ले चलूँगा आपको
मशहूर जनकवि और शायर आदम गोंडवी की यह रचना अब एक कल्ट बन चुकी है. जातिवाद की अग्नि में झुलस रहे हमारे समाज के क्रूर चेहरे को आईना दिखाती यह रचना उनके संग्रह ‘धरती की सतह पर’ का हिस्सा थी. आइए... Read more
नदियाँ जीवनदायिनी होती हैं. इसीलिए भारतीय परंपरा में इन्हें देवी स्वरूप माना जाता है. भारत में नदियों के संगम को बहुत पवित्र माना जाता है. प्रायः सभी नदियों के संगम महत्वपूर्ण तीर्थस्थल भी ह... Read more
एक एसडीएम को देखकर खूब पढ़ने की इच्छा हुई
मेरा बचपन-2 (डीडी पन्त की अप्रकाशित जीवनी के अंश) -देवी दत्त पंत पिछली कड़ी का लिंक: बचपन में फलदार पेड़ों का आनंद कितनी मधुर याद आती है उस गुफा की जो शिखर चढ़ने पर रास्ते में मिलती थी. उसके अं... Read more