जन्मदिन पर सफ़दर हाशमी की याद
साल 1989 का पहला दिन यानी एक जनवरी था. उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद जिले के साहिबाबाद में सफ़दर हाशमी (Safdar Hashmi) अपनी नाट्य मंडली के साथ मजदूरों के सम्मुख ‘हल्ला बोल’ नुक्कड़ नाटक कर रहे थे.... Read more
क्रिकेट में आउट होने का एक तरीका है ‘मैनकैडेड’. इसका मतलब हुआ की गेंदबाजी करते समय अपनी बांह घुमाने के बाद गेंदबाज गेंद डालने के बजाय नॉन-स्ट्राइकर एंड की गिल्लियां उड़ा दे और क्रीज से बाहर ह... Read more
उत्तराखंड में 57.85 प्रतिशत मतदान
भारत में लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव के पहले चरण के मतदान हो चुके हैं. 543 सीटों में से इस चरण में 91 लोकसभा सीटों पर चुनाव कराये गये. इस चरण में 20 राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेशों में चुनाव... Read more
अल्मोड़े के नन्दा देवी मंदिर से छेड़छाड़ करने पर अंधा होता होता बचा था अंग्रेज कमिश्नर
अल्मोड़ा के नन्दा देवी मंदिर को लेकर कुमाऊनी के आदि कवि गुमानी पन्त ने एक जगह लिखा है: विष्णु का देवाल उखाड़ा ऊपर बंगला बना खरा महाराज का महल ढवाया बेढ़ीखाना तहां धरा मल्ले महल उड़ाई नंदा बंग... Read more
आजाद भारत के पहले आम चुनाव की ख़ास बातें
1-वर्ष 1950 में भारत आजाद गणतंत्र बना. जवाहर लाल नेहरू गणतांत्रिक भारत के पहले प्रधानमन्त्री अवश्य बने लेकिन अभी उन्हें जनता ने नहीं चुना था. 2-भारत के गणतंत्र को लोकतंत्र बनाने के लिए देश आ... Read more
भ्रष्टाचार की आचार संहिता
हमारे सामान्य राष्ट्रीय जीवन और दिनचर्या की छोटी-छोटी बातों में नैतिकता का हौवा खड़ा करके अपने को चमकाने वालों ने इस देश का वातावरण प्रदूषित कर छोड़ा है. अब भ्रष्टाचार को ही लें. कौन नहीं जानत... Read more
बीती नौ अप्रैल को महापंडित राहुल सांकृत्यायन का एक सौ पच्चीसवां जन्मदिन मनाया गया था. इस मौके को याद रखते हुए हम आपको उनकी लिखी कुछ चुनी हुई रचनाओं से परिचित करवाने जा रहे हैं. इस क्रम में आ... Read more
जन्मदिन पर कस्तूरबा के बारे में कुछ अजाने तथ्य
काठियावाड़ के पोरबंदर नगर में जन्मीं कस्तूरबा गांधी Kasturba Gandhi (11 अप्रैल 1869 – 22 फरवरी 1944) का विवाह मोहनदास करमचंद गांधी के साथ तब हुआ था जब उनकी आयु तेरह वर्ष की थी और वे गांधी से... Read more
खुद को फकीर बताने वाले बड़े साहब
सिंहासन पर आसीन होने के साथ ही अपने को फकीर बताने वाले बड़े साहब ने जनता के सामने वाया सोशल मीडिया यह राय फैला दी कि सिंहासन की रक्षा उनसे ज्यादा अच्छे से कोई नहीं कर सकेगा (दुनिया के श्रेष्ठ... Read more
उत्तराखंड में रजस्वला स्त्रियों का गोठ-प्रवास
मकानों के गोठ में हर महीने के चार-पांच दिनों तक मवेशियों के साथ-साथ खड़कुवा और हमारी मां और भाभियां भी रहती थीं. मिट्टी-गोबर से सनी हुई ये औरतें गोठ-प्रवास के पांचवे दिन मील भर की दूरी पर स्थ... Read more