पहाड़ और मेरा जीवन –29 हमारे परिवार के जम्मू से ठूलीगाड़ आने की वजह पिताजी थे, जिन्होंने फौज में अफसर बनने के सात असफल प्रयासों के बाद अपना मानसिक संतुलन खो दिया था. पिथौरागढ़ में जब मां काल... Read more
ऐतिहासिक स्याल्दे बिखौती मेले की तस्वीरें
स्याल्दे बिखौती मेले का आयोजन शुरू हो चुका है. आल, नौज्यूल, गरख धड़े के थोकदार और प्रधान नगाड़े, निशानों, ढाल, तलवारों के साथ वीर रस की हुंकार भरते हुए युद्ध कला की बारीकियां दिखाने को पूरी... Read more
उत्तराखंड में बिशु मेले 2019 की तस्वीरें
उत्तराखंड का जौनसार बाबर क्षेत्र अपनी विशिष्ट संस्कृति के लिये जाना जाता है. प्रकृति की अनुपम छटा में बसे इस क्षेत्र में प्रतिवर्ष वैशाख के पहले हफ्ते एक मेला लगता है इसे बिशु या बिस्सू मेला... Read more
कोई जगह किसी का इंतजार नहीं करती ?
कुछ स्मृतियां इस तरह की होती हैं कि आपका पीछा नहीं छोड़ती. सोते-जागते, उठते-बैठते आपको परेशान करते रहती है. आप उनसे मुक्त होना चाहते हैं, मगर मुक्त होने की कोई सूरत नजर नहीं आती. सतवारी की या... Read more
अल्मोड़ा शहर की एक शाम
त्रिपुरी सुंदरी मंदिर की घंटियों के साथ देवी के मंत्र गुनगुनाता मूंगफली करारी की घाल और आरती के साथ हारमोनियम ढोलक की संगत लिए भजन के स्वर. नंदा देवी मंदिर के प्रांगण में शाम की गुनगुनी धूप,... Read more
हसरत जयपुरी का जन्मदिन है आज
नब्बे के दशक के अंतिम वर्षों तक शादियों की रिकार्डिंग मध्यवर्ग तक पहुंच चुकी थी. हर दूल्हा-दुल्हन की पहली मुलाक़ात पर तीन इंच मोटे उस कैसेट में एक गाना जो बैकग्राउंड में बजाया जाता था बहारो फ... Read more
गोरखों की कुलदेवी मां उल्का देवी को मानते हुए पिथौरागढ़ में मां उल्का देवी मंदिर की स्थापना की थी. गोरखों ने अपने समय में इसकी स्थापना राज्य के पर्वत शिखर पर की थी. आज यह मंदिर पिथौरागढ़ मुख्य... Read more
एक अच्छी सी दूरबीन लेकर आप मेरे साथ चलिये चीना पहाड़ी की चोटी पर. आपको इस जगह से नैनीताल के आसपास की जगह ऐसी दिखेंगी जैसे कि आप किसी उड़ते हुए परिन्दे की नजर से इसे देख रहे हों. ये सड़क बिल्कुल... Read more
लगे रहो मुन्नाभाई: राजू हीरानी की बेजोड़ फिल्म
चाहे गंभीर बातों को मनोरंजक तरीके से कहना हो या फिर गाढ़ी शब्दावली अथवा गंभीर विचारों को मनमाफिक तरीके से समझाना, इन मामलों में राजू हीरानी बेजोड़ है. मुन्ना-सर्किट के माध्यम से गांधीवाद की... Read more
डॉ. भीमराव आंबेडकर द्वारा बौद्ध धर्म की दीक्षा के मौके पर ली गयी 22 प्रतिज्ञाएँ
डॉ. भीमराव आंबेडकर ने 15 अक्टूबर 1956 को अपने अनुयायियों के साथ हिन्दू धर्म का परित्याग कर बौद्ध धर्म की दीक्षा ली. इस मौके पर उन्होंने सभी के लिए 22 प्रतिज्ञाएँ भी निर्धारित कीं. ये प्रसिद्... Read more