कॉमन पीकॉक बटरफ्लाई: उत्तराखण्ड की राज्य तितली
पहले उत्तर प्रदेश का हिस्सा रहे उत्तराखण्ड को 2000 में अलग राज्य का दर्जा मिला. इसके बाद कई अन्य प्रक्रियाओं के साथ ही राज्य के प्रतीक चिन्ह भी तय किये गए. कॉमन पीकॉक को राज्य तितली का दर्जा... Read more
गबला देव: हिमालय की सौका जनजाति के आराध्यदेव
हिमालय के सौका आदिवासियों के अराध्यदेव.. जै हया दंतो गबला सै-जय हय दंत गर्बीला देव.. —डूंगर सिंह ढ़करियाल ‘हिमरज’ हिन्दू पुराण के अनुसार हिमालय धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष का दाता है. हिमालय स्वयं ना... Read more
झूठे का मंदिर चम्पावत
कुमाऊँ मंडल के चम्पावत जिले में प्रख्यात पूर्णागिरी मंदिर से एक किमी की दूरी पर है झूठे का मंदिर. इस मंदिर के अनोखे नाम के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी ही जुड़ी हुई है. इस किंवदंती के अनुसार एक द... Read more
आज विश्व धरोहर दिवस है. यूनेस्को द्वारा हर साल 18 अप्रैल का दिन विश्व धरोहर दिवस के रूप में मनाया जाता है. यूनेस्को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन का लघुरूप है जो सं... Read more
एक ज़माने में हिन्दी फिल्मों की ललिता पवार (Character Actress Lalita Pawarr) के बिना कल्पना तक नहीं की जा सकती थी. स्वतंत्रता के बाद बनी अधिकतर फ़िल्में पारिवारिक पृष्ठभूमि वाली प्रेमकथाएं होत... Read more
राहुल सांकृत्यायन की नजरों से नैनीताल
राहुल सांकृत्यायन याद रखते हुए हम आपको उनकी लिखी कुछ चुनी हुई रचनाओं से परिचित करवाने जा रहे हैं. इस क्रम में आज पढ़िए राहुल सांकृत्यायन के हिमालय समाज, संस्कृति, इतिहास तथा पर्यावरण पर केन्द... Read more
देहरादून में देहरादून की व्यस्त और प्रदूषित सड़कों से बाहर निकलकर कुछ ऐसी जगहें भी हैं जो बेहद खूबसूरत और सुकुन भरी हैं. देहरादून से मात्र 8 किमी. की दूरी पर ऐसी ही एक जगह है गुच्चुपानी. गुच्... Read more
पार्वती की ख़ुशी है फुल्यारी की संग्रांद
हे! बीरा फूफू, हे! बीरा फूफू, हे! बैरी (बहरी,) हे! सुनती है कि नहीं, मैं अपनी छज्जा के किनारे तब तक धै (आवाज) लगाती रही, जब तक ऊपर वाले खोले से ऊऊऊ नहीं सुनाई दिया. झट यहाँ आ बहुत जरूरी काम... Read more
बंपुलिस… द एंग्लो इंडियन पौटी – बटरोही की कहानी
काफल ट्री में नियमित कॉलम लिखने वाले लक्ष्मण सिंह बिष्ट ‘बटरोही’ का जन्म 25 अप्रैल 1946 को अल्मोड़ा के छानागाँव में हुआ था. अब तक अनेक कहानी संग्रह, उपन्यास व लघु उपन्यास लिख चुके... Read more
हिमालयी लोककथा: सात सुन्दर घोड़े
Read in English:Seven Horses in a Forest हजारों वर्षां पहले तिब्बत में पर्वत के चारों ओर, जिसे कुछ तिब्बती लोग, कांग तिसे और दूसरे कैलास या कांग रिपोचे के नाम से जानते थे, एक प्राचीन धर्म ते... Read more