रामगंगा और सरयू के बीच बसा गंगोलीहाट
समुद्रतल से लगभग 1,760 किमी की ऊंचाई पर स्थित गंगोलीहाट का नाम तो सभी ने सुना होगा. रामगंगा और सरयू के बीच में बसे गंगोलीहाट का नाम ही इन दो नदियों के कारण गंगोलीहाट है. सरयू और रामगंगा के ब... Read more
नहीं रहे नैनीताल के हनुमान प्रसाद
नैनीताल की जमीन पर कुछ लोग ऐसे भी रहे हैं जिन्होंने नैनीताल के लिये और अपने समाज के लिये बहुत कुछ किया पर कभी भी अपने किये हुए कामों का ढिंढोरा दुनिया के बीच नहीं पीटा और शायद इसलिये गुमनामी... Read more
3 ईडियट्स (Three Idiots) निर्देशक: राजू हिरानी (Raju Hirani) गंभीर मुद्दों को हल्के-फुल्के अंदाज में कहने और सेल्यूलाइड स्क्रीन पर उतारने में, राजू हिरानी माहिर सिनेकार हैं. जैसे-जैसे ऑडियंस... Read more
हिमालयी लोककथा: राक्षसी का पतन
नेपाल के जुमला जिले के जाईरा नामक गांव में सरकी देव प्रकट हुए थे. यहां एक गाय हर एक शाम को चमकीले पत्थर पर अपना दूध अर्पित करती थी. जब उस गाय के क्रोधित चरवाहे ने क्रोधवश उस चमकीले पत्थर पर... Read more
श्रीनिवास वेंकटराघवन का जन्मदिन है आज
27 फरवरी 1965 के दिन भारत और न्यूजीलैंड के बीच एक टेस्ट मैच शुरू हुआ मैच का सबसे ख़ास बात थी एक 19 साल के युवा लड़के का भारतीय टीम में पदार्पण नाम था श्रीनिवासराघवन वेंकटराघवन. श्रीनिवासराघवन... Read more
आज के समय में जितना यह सुनने में अजीब है उससे कई ज्यादा इन तस्वीरों को देखने में सुकून है जिनमें छोटे-छोटे स्कूल पढ़ने वाले बच्चे पेड़ों से लिपटे हुए नजर आते हैं. पिथौरागढ़ के बच्चे पेड़ों को गल... Read more
मशहूर पॉप गायक फ्रेडी मरकरी (Freddie Mercury) के जीवनवृत्त पर इस साल एक शानदार फिल्म रिलीज हुई है जिसका नाम है ‘बोहेमियन रैप्सोडी’. फिल्म में फ्रेडी का किरदार निभाया है रेमी माले... Read more
काली कुमाऊँ के गुमदेश की चैतोल
सोर घाटी, पिथौरागढ़ के अलावा काली कुमाऊँ के गुमदेश में भी चैतोल का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. गुमदेश की चैतोल सोर की चैतोल से कुछ भिन्नता लिए हुए होती है. अष्टमी के दिन घर भर की साफ़-सफाई,... Read more
हीरा-लीक्स
गुडी गुडी डेज़ अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 20 अमित श्रीवास्तव हीरामन के पास एक बक्सा था. बक्से में एक पिटारा था. पिटारे में अखबारी कतरनों का एक बंडल. बंडल पर हाथ फेरते हुए हीरा ने बता... Read more
भाई साहब! मैं बाल कवि नहीं हूँ!
उसका वहां होना, जहां उसे नहीं होना चाहिये था, स्वयं में एक घटना थी. सभागृह- प्रेक्षागृह, वाचनालय- पुस्तकालय, विश्वविद्यालय-मदिरालय, ऐसे न जाने कितने आलयों में वह निरन्तर जाता रहा था. कहते है... Read more