अल्मोड़ा की एक शाम
“दुनिया की हर शहर की शाम को नोटिस किया जाना चाहिए” ऊपर लिखे इन ग्यारह शब्दों में कोई फलसफा नहीं है,जो उसे खोजने की मगज़मारी की जाए,पर इतना जरूर है कि दिनभर की मगजमारी से तंग आदमजा... Read more
अपनी कविता में चंद्रकांत देवताले मां पर एक जगह लिखते हैं – मैंने धरती पर कविता लिखी है चंद्रमा को गिटार में बदला है समुद्र को शेर की तरह आकाश के पिंजरे में खड़ा कर दिया सूरज पर कभी भी... Read more
‘माँ, महान होती है.’ ‘माँ, महान ही होती है.’ हमारी सामाजिक व्यवस्था में ये दोनों वाक्य अधूरे हैं. इसका एक तीसरा और पूरक वाक्य भी है- ‘माँ, को महान ही होना चाहिए... Read more
रूना लैला: क्वीन ऑफ़ बांग्ला पॉप
क्वीन ऑफ़ बांग्ला पॉप के नाम से मशहूर रूना लैला, बॉलीवुड में एक ताजा हवा के झोंके सी आईं. उनका स्वर भारतीय उपमहाद्वीप में किसी परिचय का मोहताज नहीं है. एक दौर में चटगांव से लेकर कराची तक, उन... Read more
अम्मा: आलोक श्रीवास्तव की कविता
अम्मा चिंतन दर्शन जीवन सर्जन रूह नज़र पर छाई अम्मा सारे घर का शोर शराबा सूनापन तनहाई अम्मा उसने खुद़ को खोकर मुझमें एक नया आकार लिया है, धरती अंबर आग हवा जल जैसी ही सच्चाई अम्मा सारे रिश्ते-... Read more
कुमाऊँ की कोसी नदी की कहानी
कुमाऊँ की सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक हैं कोसी (Story of Kosi River of Kumaon). पुराने विशेषज्ञों की मानें तो रामगंगा की सहायक नदियों में एक प्रमुख सहायक इस नदी है, में एक समय लगभग दो ह... Read more
एक लोक भाषा कवि
लोकभाषा में उनका उपनाम ‘चाखलू’ था, तो देवनागरी में ‘पखेरू’. दोनों नाम समानार्थी बताए जाते थे. भयंकर लिक्खाड़ थे. सिंगल सिटिंग में सत्तर-अस्सी लाइन की कविता लिख मारते,... Read more
आदमजात की जितनी भी मूलभूत आवश्यकताएं हैं, उनमें पहले नंबर पर आता है खाना (Restaurants of Almora town). खाना अव्वल तो एक जरूरत है उसके बाद वह कला और विज्ञान भी है, जिसका ज़िक्र लाजिम है. अल्म... Read more
जानूँ जानूँ री, काहे खनके है तोरा कंगना
मेलोडेलिशियस – 2 ये ऑल इंडिया रेडियो नहीं है. ये ज़ेहन की आवाज़ है. काउंट डाउन नहीं है ये कोई. हारमोनियम की ‘कीज़’ की तरह कुछ गाने काले-सफेद से मेरे अंदर बैठ गए हैं. यूं लगता... Read more
मैं आता रहूँगा उजली रातों में तुम्हारे लिए
मैं आता रहूँगा तुम्हारे लिए (Poem by Chandrakant Devtale) – चन्द्रकान्त देवताले मेरे होने के प्रगाढ़ अंधेरे को पता नहीं कैसे जगमगा देती हो तुम अपने देखने भर के करिश्मे से कुछ तो है तुम... Read more