उत्तराखण्ड के जनप्रिय पीर उत्तराखण्ड में कालू सैयद बाबा के मंदिर कई जगह मिल जाते हैं. हल्द्वानी और इसके आसपास के इलाके में कालू सैयद बाबा के कई मंदिर हैं. हल्द्वानी कालाढूंगी चौराहे पर कालू... Read more
रवि शास्त्री हाय-हाय और कुछ पुरानी बातें
मुझे बार-बार लगता है कि “रवि शास्त्री हाय-हाय” के दिगंतव्यापी उद्घोष के पीछे कोई न कोई दिलजला रहा होगा. लम्बे कद के खूबसूरत रवि शास्त्री के पीछे उन दिनों लड़कियां दीवानी रहा करती थीं. उसकी इन... Read more
1962 में एशियन गेम्स जकार्ता में हुए. भारत के मुक्केबाजों से किसी को कोई ख़ास उम्मीद थी नहीं. जब जकार्ता में एशियन गेम्स खत्म हुए तो बेस्ट बाक्सिंग प्लेयर का खिताब एक भारतीय को मिला. 60 किग्र... Read more
जिसके हाथों रास है, वो खच्चर का ख़ास है
अंतर_देस_इ (शेष कुशल है) ओए नागरिक अमाँ बाशिंदे अबे देसवासी जियो… बसो… फलो तुम्हारा ख़त (मत) मिला. बहुत उत्साह में दिखे तुम. अच्छा है, पर छाती पीटने से मुक्के या छाती, दोनों में स... Read more
मदमहेश्वर: जहां शिव की नाभि पूजी जाती है
द्वितीय केदार मदमहेश्वर मद्महेश्वर, मध्यमहेश्वर या मदमहेश्वर उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल के रुद्रप्रयाग जिले में है. यह पंचकेदार मंदिर समूह का द्वितीय केदार है. प्रथम केदार केदारनाथ, तृतीय केदा... Read more
7 जून 1975. इंग्लैण्ड के एजबेस्टन में में हो रहे पहले क्रिकेट विश्व कप में खेल रही सबसे कम अनुभवी ईस्ट अफ्रीका की टीम का सामना बहुत दोयम दर्जे की मानी जाने वाली न्यूजीलैंड की टीम से लीग मैच... Read more
बैठी हूँ कब हो सवेरा रुला के गया सपना मेरा
रुला के गया सपना मेरा बैठी हूँ कब हो सवेरा वही है गमे दिल वही है चंदा तारे वही हम बेसहारे आधी रात वहीं है और हर बात वही है फिर भी ना आया लुटेरा… कैसी ये जिंदगी साँसों से हम ऊबे के दिल... Read more
पिथौरागढ़ जिले के झूलाघाट कस्बे से पांच किमी की दूरी पर स्थित है तालेश्वर धाम. तालेश्वर धाम झूलाघाट से जौलजीबी को जाने वाले पैदल रास्ते पर नेपाल से आने वाली चमलिया और काली नदी के संगम पर स्थि... Read more
महादेवी वर्मा हिन्दी साहित्य के महत्वपूर्ण छायावादी आन्दोलन के चार बड़े नामों में से एक थीं. इस समूह में उनके अलावा जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पन्त और महाप्राण सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ थे... Read more
सुनील दत्त नैनीताल में
सुनील दत्त (6 जून 1929-25 मई 2005) हिंदी सिनेमा के रुपहले पर्दे पर सुनील दत्त के नाम से पहचाने जाने वाले बलराज दत्त 1963 में बनी हिंदी फिल्म गुमराह की शूटिंग के सिलसिले में नैनीताल आये थे. ग... Read more