कपकोट: बागेश्वर जिले की सबसे बड़ी तहसील
कपकोट उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ मंडल में जिला बागेश्वर की सबसे बड़ी तहसील है. कपकोट दियोली पर्वत की तलहटी में सरयू और खीरगंगा नदी के संगम पर बसा है. जिला मुख्यालय से इसकी दूरी 24 किमी है. आज... Read more
अल्मोड़ा: एक लाइव रोमांस
जिंदगी में प्यार का कोई कारण नहीं होता. प्यार कभी भी, किसी से भी हो सकता है. यह एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर अग्रमस्तिष्क और अवचेतन का कोई नियंत्रण नहीं होता. यह कहीं और से ड्राइव होता है. अल्मो... Read more
फ्रैंकफर्ट में जहाज बदला और हंगरी के स्थानीय समय के अनुसार पूर्वाह्न साढ़े दस बजे, जिस वक़्त भारत में दोपहर के दो बज रहे होंगे, मैं उस नई दुनिया में पहुंचा जिसे साक्षात महसूस करते हुए भी जिसकी... Read more
कल नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रीमंडल में कुल 24 कैबिनेट मंत्री, 09 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 24 राज्य मंत्रियों ने पड़ और गोपनीयता की शपथ ली. आज उन्हें मंत्रालय भी मिल गए हैं. राजनाथ सि... Read more
गढ़वाली राजा जिसके आदेश पर प्रजा अंग्रेजों की मुर्गियां और कुत्ते पालकी में ढ़ोती थी
गढ़वाली राजा सुदर्शन शाह की राजनैतिक और आर्थिक स्थिति शुरुआत में बहुत खराब थी. कनखल के युद्ध के बाद एक बात वह समझ गया था कि उसकी भलाई अंग्रेजों की भक्ति में ही है. भारत के अधिकांश छोटे राजाओं... Read more
तिलाड़ी गोलीकाण्ड के बाद क्या हुआ था उत्तराखंड के जनरल डायर चक्रधर जुयाल का
तिलाड़ी गोलीकाण्ड के संबंध में अधिकांश किताबों में लिखा गया है कि तिलाड़ी गोलीकाण्ड के समय महाराजा नरेंद्रशाह यूरोप यात्रा पर थे और घटना की जानकारी के बाद वह तुरंत वापस लौट गये. जब महाराजा नरे... Read more
कोई नहीं चाहता कि तिलाड़ी आंदोलन पर बात हो
इन दिनों उत्तराखंड के जंगल आग से धधक रहे हैं. क्या गढ़वाल क्या कुमाऊं आग जगलों में बराबर है. जैसा की हमारा काम है, इसके लिये वनकर्मियों को गरियाना, हम वही कर रहे हैं. कायदे से अगर देखा जाये त... Read more
हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 5 (पिछली कड़ियां : हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 1 बागेश्वर से लीती और लीती से घुघुतीघोल हिमालय की मेरी पहली यात्रा – 2 गोगिना से आगे रामगंगा नदी को रस्सी से पार क... Read more
घोषित हुआ उत्तराखंड बोर्ड का रिजल्ट
उत्तराखंड बोर्ड ने आज सुबह साढ़े दस बजे दसवीं और बारहवीं के परिणाम जारी कर दिये हैं. उत्तराखंड बोर्ड के परिणाम बेहद ख़ास इसलिए हैं क्योंकि पहाड़ों में रहने वाले मेहनतकश बच्चों ने भी इस बार खूब... Read more
काफल एक नोस्टाल्जिया का नाम है
गर्मियों में पहाड़ों के वन प्रांतर जंगली फलों और बेरियों से लद जाते हैं. हिसालू, किलमौड़ा और घिंघारू की झाड़ियाँ क्रमशः नारंगी, बैजनी और चटख लाल फलों से भर जाती हैं. यह अलग बात है कि उन्हें खान... Read more