कुमारस्वामी और काम के वे दिन
कहो देबी, कथा कहो – 45 पिछली कड़ी – कहां थे मेरे उजले दिन “हां, तो कहो देबी. फिर क्या हुआ? तुम किसी नाटक की बात कर रहे थे?” “हां तो सुनो, मैं नाटक की बात करने आला अफसर हरवंत सिंह जी के... Read more
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – नवीं क़िस्त पिछली क़िस्त का लिंक: सबसे मुश्किल है अच्छा इंसान बन पाना चलो आज मैं तुम्हें अपने उस ‘सीक्रेट‘ के बार में बताती हूं जिसका जिक्र मैंने इस खत के शुरू म... Read more
अल्मोड़े में अपनी राजगद्दी छिनने के बाद चंद राजा मोहनचंद मदद के लिये जगह-जगह भटक रहा था. उसे गुजर के लिये 10 रुपये रोज के मिल रहे थे जिसमें उसकी गुजर कहां होनी थी. मोहन चंद मदद के लिये रामपुर... Read more
पहाड़ के जायके – 1 पढ़ाई-लिखाई पूरी करने के बाद वर्ष 1990-91 में पत्रकारिता की सांस्थानिक नौकरी में चला गया. पहले जिला चमोली के मुख्यालय गोपेश्वर और उसके बाद मेरठ. अखबारों की नौकरी में... Read more
हल्द्वानी में वट सावित्री की तस्वीरें
करवा चौथ से ही मिलता-जुलता त्यौहार हैं वट सावित्री. इस त्यौहार को उत्तराखण्ड समेत कुछ राज्यों में पारंपरिक रूप से मनाया जाता रहा है. यह कहना गलत न होगा कि अब यह त्यौहार विलुप्त होने की कगार... Read more
पहाड़ ने पुकारा तो मैं सहरा से लौट आया
पहाड़ और मेरा जीवन – 36 (पिछली कड़ी: मेरा मिट्ठू दिल लेकर उड़ गया, पर दिल ने पुकारा तो लौट भी आया) राजस्थान में मेरे पास सब था, मिट्ठू था, दोस्त थे, खेल थे, आवारगी थी, मां के हाथ का भोजन था,... Read more
देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों के पीछे छिपे बदनुमा दागों पर चर्चा कम ही होती है. 26 अप्रैल की रात गढ़वाल मंडल के गाँव कोट में बसाणगाँव निवासी 21 साल के दलित युवक जितेन्द्र... Read more
शहरी कोलाहल से विक्षिप्त होकर जब भागना होता है तो उत्तराखंड ही याद आता है. ये खुद को बचाए रखने का संघर्ष है. कोई अपना घर गाँव छोड़ कर शहर भाग रहा है और कोई शहर से गाँव की ओर. दोनो के अपने-अप... Read more
सिंटोला पहाड़ों में बहुतायत से पाई जाने वाली एक चिड़िया का नाम है जिसे हमने अपने घर आगनों में न जाने कितने बार दाना चुगते हुए देखा है. न जाने कितने बार हमने उसे अपने आँगन में गाय-भैंस के ऊपर ब... Read more
उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में पौड़ी जिले का ऐतिहासिक क़स्बा है श्रीनगर. अलकनंदा नदी के तट पर बसा श्रीनगर भारत के उन ऐतिहासिक स्थलों में माना जाता है जो 5000 साल पहले से विद्यमान हैं. इन सालों मे... Read more