हर बड़े शहर – खासतौर पर ऐसे शहर, जो साहित्यकारों, लिक्खाड़ों के बड़े अखाड़े के रूप में जाने जाते हो- में काफी हाउस अवश्य होते हैं. (Tea Shops Almora Market) अठारहवीं सदी का लंदन उन तमाम... Read more
मां नंदादेवी जितना अपनी करुणा और ममता के लिये जानी जाती हैं उतना ही अपने क्रोध के लिये भी विख्यात हैं. मां नंदा के क्रोध को लेकर कुमाऊं गढ़वाल अंचल में अनेक किवदंती लोकप्रिय हैं. बागेश्वर में... Read more
भारत में सबसे ज्यादा और सबसे भद्दी गाली खाने वालों में पुलिस विभाग का स्थान नंबर एक पर है. भारत में पुलिस की वर्दी का इतना बुरा हाल है कि अगर कोई पुलिस वाला दाएं मुड़ने की सही सलाह देगा तो आद... Read more
आज गंगा दशहरा है
आज गंगा दशहरा है. पहाड़ों में इसे दसार या दसौर भी कहते हैं. इस वर्ष गंगा दशहरा 12 जून, 2019 को पड़ रहा है. कुमाऊं क्षेत्र के हिस्सों में इस दिन घरों के मुख्य दरवाजों के ऊपर और मंदिरों में गंगा... Read more
मुक्त आकाश का पंछी
कहो देबी, कथा कहो – 46 पिछली कड़ी – कुमारस्वामी और काम के वे दिन वह दिन था 2 जून 2003, जब मैंने दिल्ली अंचल में नौकरी की नई पारी शुरू की. बैठने के लिए तीसरी मंजिल पर एक अलग केबिन मिल गया. पहल... Read more
मुक्तेश्वर से हिमालय श्रृंखला अगर आप दिल्ली एनसीआर की गर्मी से पक चुके हैं तो मुक्तेश्वर आपके लिये एक बेहतरीन जगह हो सकती है. उत्तराखंड के नैनीताल जिले में पड़ने वाले मुक्तेश्वर में गर्मियों... Read more
कुमाऊंनी लोकगीतों में सामाजिक चित्रण
लोकगीतों से हमारा तात्पर्य लोक साहित्य के उन रूपों से है, जो प्रायः अलिखित रहकर जन-साधारण द्वारा निर्मित होते हुए एवं परंपरा से देश काल की विविध परिस्थितियों का चित्रण करते हुए उनके बीच प्रच... Read more
पहाड़ी मूले का थेचुवा खाइए जनाब, पेटसफा चूरन नहीं
कल सुबह सब्जी लेने मंडी में पहुंचा तो देखा कि पहाड़ी मूला/ मूली बाजार में आ चुका है. अभी बाजार में नया-नया है तो दाम के मामले में खूब इतरा-इठला रहा है. दुकानदार एक रुपया भी कम करने को त... Read more
तराई-भाबर की लीची न खाई तो क्या खाया
लीची आ गई हैं. बाग-बगीचों में, वहां से तोड़कर बाजारों में और मेरे घर पर भी. लीची मेरा प्रिय फल रहा है. इतना प्रिय कि पहले एक बैठकी में पांच किलो तक उदरस्थ कर लेता था और अब भी कम से कम दो किल... Read more
युवराज सिंह का क्रिकेट से संन्यास
25 साल 22 यार्ड की क्रिकेट पिच के आसपास गुजारने के बाद आज युवराज सिंह ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया. युवराज सिंह ने आज 19 साल के अपने अन्तराष्ट्रीय करियर के बाद संन्यास ले लिया. 2011 विश्व कप... Read more