बरखा-बहार पर सिनेमाई गीत
जल स्रोत और हरियाली, कुदरत की ऐसी नियामते हैं जो आँखों को सुकून देती हैं और मन को खुशी. पेड़- पौधे, पशु-पक्षी हों, चाहे मनुष्य, सभी बरसा से आनंदित होते हैं. इस खास मौसम में समूची कुदरत झूमने... Read more
जन्मान्ध हरदा सूरदास गाते हुए जब-जब भावावेश के चरम पर पहुँचते थे, सफ़ेद पड़ चुकी पुतलियों वाली उनकी ज्योतिहीन आँखों के कोरों से आंसू बहना शुरू हो जाते. पूरे चाँद की उस जादुई रात नैनीताल के ए... Read more
गंगोत्री धाम का इतिहास
उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल के उत्तरकाशी जिले में भागीरथी नदी के तट पर है चार धामों में से एक गंगोत्री. जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से इसकी दूरी 97 किमी है. यहाँ पहुंचकर गंगा उत्तर की ओर बहने लगती... Read more
कबूतरी देवी – (1945 से 07 जुलाई 2018) आज कबूतरी देवी जिंदा होती तो? बीमारी की वजह से अस्पताल के चक्कर काट रही होतीं, उनके परिजन मिन्नतें कर रहे होते. संस्कृति विभाग से मिलने वाली मामूल... Read more
कल बोया जायेगा हरेला
हरेला उत्तराखंड का एक लोकप्रिय त्यौहार है. हरेला एक वर्ष में तीन बार मनाया जाने वाला प्रकृति से जुड़ा एक लोकपर्व है. हरेला उत्तराखंड के लोगों का प्रकृति से जुड़ाव दिखाता है. कल इस वर्ष का दूसर... Read more
19 दिनों से किताबों और शिक्षकों के लिये धरना दे रहे हैं पिथौरागढ़ के छात्रों की कहानी
पिथौरागढ़ महाविद्यालय में पर्याप्त शिक्षकों और पुस्तकों की मांग को लेकर धरना पिछले 19 दिनों से जारी है. सेमेस्टर परीक्षाओं के बीच भी युवा छात्र भरपूर ऊर्जा से धरना स्थल पर बैठे हैं और धरना स... Read more
कुछ दिन तो बसो मेरी आँखों में
(पोस्ट को रुचिता तिवारी की आवाज़ में सुनने के लिए प्लेयर पर क्लिक करें) मेलोडेलिशियस-10 ये ऑल इंडिया रेडियो नहीं है. ये ज़ेहन की आवाज़ है. काउंट डाउन नहीं है ये कोई. हारमोनियम की ‘कीज़... Read more
उत्तराखण्ड में नामों के आखिर में खान शब्द प्रायः देखने को मिलता है, ख़ास तौर पर कुमाऊँ में. धार, गाड़, डांडा, कोट, खाल की तरह ही खान शब्द का प्रयोग भी बहुतायत से मिलता है. उर्दू भाषा का बोध... Read more
देहरादून से कालसी की ओर जाते हुये कालसी से कुछ दूर पहले यमुना नदी से एक छोटी से नदी मिलती है अमलावा. अमलावा और यमुना नदी के संगम पर स्थित है मौर्य राजा अशोक के चौदह शिलालेखों में 13वां शिला... Read more
आठ करोड़ पौधे लगाने वाले पिथौरागढ़ के पर्यावरणविद कुंवर दामोदर सिंह राठौर
2016 में मई महीने में डीडीहाट के आस-पास के जंगलों में आग लगती है. भनौरा गांव में रहने वाला 91 बरस का एक बूढ़ा अपनी लाठी के सहारे निकल पड़ता है जंगल की ओर आग बुझाने. आग बुझाने के प्रयास में उसे... Read more