बूबू की धुपैणी में महकती अनोखी जड़ – सम्यो
तीन बाखली के छोटे से गाँव में मालगों (ऊपर का गाँव) के बीचों-बीच हमारे एक बूबू रहते थे. बहुत मीठे स्वभाव और बाल सुलभ मुस्कान के धनी थे. बच्चों और बकरी के पट्ठों से बहुत प्यार करते थे इसलिए हम... Read more
निर्धनता पर नोबल पुरस्कार
दुनिया में गरीबी है. सत्तर करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्हें पेट भर भोजन आज भी नहीं मिलता. कंगाली उनका पीछा करती है. बदहाली उन्हें जीने नहीं देती. भूख उनकी सांसों में है, बीमारी तन में. मुफलिसी तंग... Read more
पिथौरागढ़ में पहली बस 1951 में आई थी
पिथौरागढ़ में पहली गाड़ी के विषय में कई किस्से कहानियां लोकप्रिय हैं. अधिकांश लोगों का मानना है कि यहां आने वाली पहली बस के.एम.ओ.यू. की बस थी, कुछ लोगों का कहना है कि बस नहीं पहली बार पिथौरागढ़... Read more
हल्द्वानी से हैड़ाखान रोड (भीमताल ब्लॉक) पर गांव पड़ता है गुमालगांव. अचानक वहां से गुजरते हुए नाक में बिस्कुट बेक होने की खुशबू घुसी ही थी कि सामने छोटी सी बेकरी दिखाई दी. (Delicious Handmad... Read more
कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.एस. राना एक बार फिर विवाद में फंस गए हैं. इस बार भी वे विवाद में अपने एक पत्र को लेकर ही फंसे है. अब उन्होंने उत्तराखण्ड के मुख्य निर्वाचन आयुक्त को प... Read more
अर्जुन का अवतार है कुमाऊं का ऐड़ी देवता
ऐड़ी (अहेरी) कुमाऊं मण्डल का एक बहुपूजित लोक देवता है. देवकुल में इसका महत्वपूर्ण स्थान है, सैम व गोरिया के समान इसकी पूजा सम्पूर्ण क्षेत्र में प्रचलित है. प्रमुख रूप से पशुचारक वर्ग का देवत... Read more
उत्तराखंड के पौड़ी जिले में जिला मुख्यालय से 20 किमी की दूरी पर एक गांव है भटी गांव. इसी गांव में बारहवीं में पढ़ने वाली एक लड़की है कुमकुम पंत. (Kumkum Pant Uttarakhand Pauri Garhwal) कुमकु... Read more
उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में चंपावत जिले में एक छोटा सा गांव है, मल्ली ग्विनाड़ा. यहां एक बड़ी नेक और जिंदादिल महिला रहती थी, नाम था गोपी देवी! प्यार से पूरा गांव उसे गोपुली आमा कहकर बुला... Read more
उत्तराखंड की बेटी मानसी जोशी और एकता बिष्ट भारतीय महिला क्रिकेट का बड़ा नाम हैं. वर्तमान में इन दोनों गेंदबाजों को विश्व में अपना खूब नाम किया है. (Ekta Bisht & Mansi Joshi’s tag te... Read more
छोटी-छोटी चीजों के स्वाद से बना जीने का ज़ायका
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – अट्ठाइसवीं क़िस्त पिछली क़िस्त का लिंक: मेरे भीतर से जन्मा बच्चा तुम आठवें महीने में लग गए हो मेरे बच्चे. लेकिन नहीं, ये कहना ज्यादा सही होगा कि मेरे गर्भ... Read more