ले कावा दै मैं कें दे भलि-भलि ज्वै
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree आज सत्तर साल बाद यहां दूर बेंगलुरू में अपने बचपन का पुष्योंण याद आ गया. पौष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन ही हम पुष्यों... Read more
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree इस बार मैं अपने सबसे favourite टॉपिक माइंडफुलनेस और मेडिटेशन पर आपसे बात करने जा रहा हूं. माइंडफुलनेस और मेडिटेशन आज के भाग... Read more
प्रेमचंद की कहानी : बड़े भाई साहब
-प्रेमचंद मेरे भाई साहब मुझसे पाँच साल बड़े थे, लेकिन केवल तीन दरजे आगे. उन्होंने भी उसी उम्र में पढ़ना शुरू किया था जब मैंने शुरू किया था; लेकिन तालीम जैसे महत्त्व के मामले में वह जल्दबाज़ी... Read more
नाटक: ‘बड़े भाई साहब’ की झलकियाँ
मैं पढ़ रही हूं, क्या?नहीं पता.क्यों? ये भी नहीं पता.मगर मैं पढ़ रही हूं. (Glimpses Bade Bhai Saheb) कुछ ऐसे ही सवाल जो हर समय काल में हर विद्यार्थी के मन में उठते हैं और जिनके जवाब वह ढूंढन... Read more
‘काफल ट्री फाउंडेशन’ आप सभी को आमंत्रित करता है प्रेमचंद की कहानी बड़े भाई साहब की नाट्य प्रस्तुति देखने के लिए. प्रमचंद की यह कहानी अपने समय की शिक्षा पद्धति पर गहरा प्रहार थी, ज... Read more
एमबीपीजी महाविद्यालय हल्द्वानी के अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष निलोफर अख्तर अंतर्राष्ट्रीय सेमीनारों में हिस्सेदारी करने विदेश जाती ही रहती हैं. ऐसे ही विदेश दौरों में उनकी मुलाक़ात हुई अप... Read more
खत्याड़ी साग, गंगोली बाग
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree अल्मोड़ा में एक जगह है खत्याड़ी. अल्मोड़ा में कालेज पढ़ रहे काफ़ी छात्रों का पता आज खत्याड़ी मौहल्ला है. जिस तरह से लोककथा... Read more
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree गणतंत्र दिवस 2024 की परेड में पिथौरागढ़ की हिलजात्रा कर्तव्य पथ पर उत्तराखण्ड की संस्कृति के रंग बिखेरने जा रही है. भाव राग... Read more
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree पिछली कड़ी : दांतू गांव तक का सफ़र खाना बनते-बनते अंजू से बातचीत होने लगी तो उसने बताया – सीपू में बारह साल... Read more
जब नायिकाओं का पहाड़ पर जाना रोगी हो कर ही होता था
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree पिछली कड़ी : रहने दे मुझे पहाड़ों में थोड़े दिन रेलिंग से गिरे अपने कपड़े लेने जब नीचे उतरी तो पहली बार देखा उन कमरों... Read more