नईमा खान उप्रेती एक क्रांति का नाम था. एक तरफ उत्तराखंड के लोक गीतों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पटल पर लाने के लिए उन्होंने मोहन उप्रेती जी के साथ मिलकर एक बड़ी भूमिका निभाई. दूसरी ओर रं... Read more
बचपन की सबसे सुरीली यादों में से एक का नाम है हीरा सिंह राणा. वो बचपन जिसे कुमाउंनी और गढ़वाली में भेद मालूम न था. और वो बचपन जिसमें खेल-खिलौने, पिक्चर-सर्कस के बीच गीतों के लिए बहुत कम जगह... Read more
पहाड़ को हृदय में संजोकर रखने वाले प्रो. डी.डी. पन्त के बचपन से जुड़ी कुछ तस्वीरें
साल 1919 में 14 अगस्त के दिन पिथौरागढ़ जिले के दूरस्थ गांव देवराड़ी में रहने वाले वैद्य अम्बादत्त पन्त को पुत्र हुआ. वैद्यजी ने बेटे को नाम दिया देवी दत्त. देवी दत्त की शुरूआती शिक्षा गांव म... Read more
23 अक्टूबर 1924 को जन्मे, स्कूली शिक्षा के बाद आगरा विश्वविद्यालय एवं काशी विश्वविद्यालय, बनारस से उच्च शिक्षा प्राप्त कर पंजाब विश्वविद्यालय (चण्डीगढ़) में संस्कृत विभागाध्यक्ष क... Read more
अपने खून से महात्मा गांधी को ख़त लिखकर डांडी मार्च में शामिल होने वाले उत्तराखंडी खड्ग बहादुर
डांडी-सत्याग्रह के दिन. देहरादून से गाँधी जी को एक खत मिला. पत्र मामूली स्याही से नहीं, भेजने वाले ने अपने खून से लिखा था. अहिंसा में विश्वास न होने पर भी वह रण बाँकुरा सत्याग्रह में सक्रिय... Read more
अल्मोड़े के आनसिंह जिन्होंने संस्कृत में कर्मकाण्ड की शुद्ध पुस्तकें छपवाकर उत्तराखंड के दुर्गम स्थानों तक पहुंचाई
‘आज इना तक सरकूँगा, कल भिन्हार तक, परसों सिलोर महादेव. अगले दिन भवड़ा, फिर रानीखेत. आठवें दिन अल्मोड़ा पहुँच पाऊँगा.’ कच्छप-गति से सरकने वाले उस विचित्र व्यक्ति ने बताया, आज से ल... Read more
रणनीति के अनुसार, हमारा बिग्रेड उत्तरी पहाड़ियों पर हमला करके, जहाँ इटली की सेना थी, पीछे से जाकर मौनेस्ट्री हिल की तोपों को शान्त करेगा और जर्मन सेना को रोम दिशा की मुख्य सेना से मिलाप न कर... Read more
उत्तराखंड की चंद्रप्रभा ऐतवाल ने अड़सठ साल की उम्र में फतह किया 6133 मीटर ऊँचा श्रीकंठ शिखर
हौंसले अगर बुलन्द हैं और लक्ष्य सामने हो तो किसी भी कार्य को करने में उम्र कहीं आड़े नहीं आती. भारतीय पर्वतारोहण संस्थान नई दिल्ली द्वारा महिलाओं की टीम का लीडर मुझे चुना गया, लक्ष्य था शिखर... Read more
बात 60 के दशक की है जब हम प्राईमरी स्कूल में तख्ती को छोड़कर कापी में लिखने का प्रयास करते-2 पॉंचवी कक्षा यानि तत्कालीन बोर्ड की क्लास में पहुँच चुके थे. तब बोर्ड की परीक्षा केवल विद्यार... Read more
जवाहर लाल नेहरू अल्मोड़ा जेल में
जवाहरलाल नेहरू (नवंबर 14, 1889 – मई 27, 1964) भारत की आजादी के शिल्पियों में से एक रहे नेहरू के बारे में आजकल एक धारणा फैलाई जा रही है कि ‘नेहरू ने भारत की आजादी के लिए किया ही क्... Read more