लोककथा ‘सूरज के रथ का दाहिना घोड़ा’
एक था राजा, एक थी रानी. उनके पास सिपाही, घोड़े, दास-दासियाँ, धन दौलत सबकुछ था, सिर्फ उन्हें संतान नहीं थी. इसी कारण राजा-रानी बहुत ही दुःखी रहते थे. संतान-प्राप्ति के लिए उन्होंने हर तरह का... Read more
‘बेड़ू पाको बारामासा’ लोकगीत पर एक विमर्श
लोक के क्षितिज से उपजा और अन्तर्राष्ट्रीय फलक तक अपनी धमक पहुंचाने वाला कुमाऊॅ के सुपर-डूपर लोकगीत ‘बेड़ू पाको बारामासा’ से भला कौन अपरिचित है. गीत का मुखड़ा किसने लिखा और कब से यह लोकजीवन क... Read more
उमस्यारी गांव की जैता नाम कि एक लड़की भेलस्यूं नाम के गांव में ब्याही गयी. जैता का पति बिलकुल खड़बुद्धि था. पति के अलावा जैता के परिवार में एक ननद, एक देवर और सास थी. जैता का पति उसकी एक न स... Read more
समुद्र तल से 6000 फीट की ऊंचाई पर स्थित ‘मां भगवती कोकिला मंदिर’ की तस्वीरें
समुद्र तल से छः हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद है कनार गांव. कनार गांव जिसे की छिपलाकेदार का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है. कनार गाँव में ही मां भगवती कोकिला का विख्यात मंदिर है. कनार गांव की बरम... Read more
लोककथा : बूढ़े का सोने की अशरफियों भरा बक्सा
गांव के उपजाऊ खेतों, फलदार बगीचों से इतना हो जाता था कि उसे संपन्न कहा जा सकता था. सुखी वैवाहिक जीवन से उसे सात लड़के मिले. पत्नी के आख़िरी प्रसव के दौरान मृत्यु ने उसे तोड़ दिया लेकिन बच्चो... Read more
पहाड़ में जिन घरों में बड़े बुजुर्ग न हुये उनके लिये भी आफत ही हुई. पति कमाने के लिये रहने वाले हुये दूर देश. घर का पूरा करोबार हुआ औरत के जिम्मे. सब कुछ तो देखना हुआ अकेली औरत ने. सुबह गोठ-... Read more
सफ़ेद सांप जिसने एक सेवक की जिन्दगी बदल दी- लोककथा
बहुत पुरानी बात है. एक राजा था, जो अपनी बुद्धि और ज्ञान के लिए अपने ही राज्य में नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी बड़ा प्रसिद्ध था. संसार में ऐसी कोई वस्तु नहीं थी, जिसका उसे ज्ञान न हो. कोई... Read more
लोक कथा : सोने की बत्तख
एक गांव में रहने वाले निर्धन दंपत्ति के तीन बेटे थे. बड़ा बेटा माँ का प्यारा था तो मंझला पिता का दुलारा. लेकिन छोटा बेटा घर में किसी को प्रिय नहीं था, सब उसे उपेक्षा के भाव से देखा करते थे.... Read more
सियार का फैसला- लोक कथा
एक सियार था. एक बार वह अपने शिकार की तलाश में निकला. उसने दूर से देखा, एक आदमी एक बाघ के आगे-आगे चल रहा है. उसे बात समझ न आई और वह छुप-छुपकर उनका पीछा करने लगा. तभी उसे आदमी की आवाज़ सुनाई प... Read more
लोक कथा : आगे की लकड़ी जलकर पीछे ही आती है
किसी गांव में एक बूढ़ी अपनी बहू के साथ रहा करती थी. बूढ़ी सास का शरीर जर्जर हो चुका था, वह अक्सर बीमार रहती थी. सास को हाथ-पाँव जवाब दे चुकने के बाद घर पर बहू का ही राज था. बुढ़िया की सेवा क... Read more