कुमाऊं की रंगीली होलियां -चारू चन्द्र पांडे कुमाऊँ में होलियों का पर्व बड़े उत्साह से मनाया जाता है, होली की एकादशी को रंग-भरे सफेद वस्त्र धारण किये जाते हैं एक डंडे पर नये कपड़े की धारियाँ या... Read more
बच्चों के हर्ष व उल्लास का त्यौहार है फूलदेई
सांस्कृतिक विविधता के मामले में उत्तराखण्ड की अपनी एक अलग पहचान है. यहां हर महीने कोई न कोई त्यौहार मनाया ही जाता है, जिनमें से कई बदलती जीवन शैली के कारण अब लुप्त होने की कगार तक पहुँच गए ह... Read more
फूलदेई: बाजार की मार से हांफता त्यौहार
बात ज्यादा पुरानी भी नहीं है. उत्तराखण्ड के पहाड़ की तलहटी पर कुछ बसावटें कस्बे के सांचे में ढल रही थी. ये कस्बे तिजारत के अड्डों से ज्यादा कुछ नहीं थे. इनमें ज्यादातर पहाड़ी लोग ही आ बसे थे.... Read more
फुलदेई की फुल्यारी बसंत के रंग
फुलदेई, फुल्यारी के रंग फुलदेई का त्यौहार (Phool Dei Festival) उत्तराखण्ड में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है. जितने रंग बसंत के हैं उतने ही इस त्यौहार के भी. गढ़वाल मंडल (Garhwal) में यह त्य... Read more
बसंत के इस्तकबाल का त्यौहार है फूलदेई
ऋतुराज बसंत का स्वागत उत्तराखण्ड को देवभूमि के साथ उत्सवों की भी भूमि कहा जाय तो गलत नहीं होगा. यहाँ साल भर उत्सव, पर्व, त्यौहार, मेलों की धूम रहती है. बसंत के आगमन का स्वागत भी उत्तराखण्ड (... Read more
एक हिमालयी लोक कथा: माता की वेदना
Read the post in English : Mother’s Grief माता की वेदना हिमालयी भूभाग के तिब्बत की एक प्रचलित लोक कथा (Himalayan Folk Tales) है. पूरी दुनिया के लोग किसी न किसी प्रकार की पावन एवं पवित्र वस्त... Read more
विश्व में सबसे ऊंचा शिव मंदिर है तुंगनाथ
समुद्र की सतह से 3680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ (Tungnath) मंदिर की गिनती पञ्चकेदार में होती है. उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित यह मंदिर चमोली और गोपेश्वर से क्रम... Read more
हुड़का: उत्तराखण्ड का प्रमुख ताल वाद्य
उत्तराखण्ड का प्रमुख ताल वाद्य ढोल, दमाऊ, डौर, ढोलक, नगाड़ा, धतिया नगाड़ा, थाली और हुड़का (Hudka) आदि उत्तराखण्ड के प्रमुख ताल वाद्य (Percussion Instrument) हैं. इनमें से जिन वाद्यों में चमड़े क... Read more
‘उत्तराखण्ड होली के लोक रंग’ शेखर तिवारी द्वारा संपादित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है. चंद्रशेखर तिवारी काफल ट्री के नियमित सहयोगकर्ता हैं. उत्तराखण्ड की होली परम्परा (Traditional Hol... Read more
रितुरैण या ऋतुरैण (Riturain) गीतों का उत्तराखण्ड की लोक परम्पराओं में महत्वपूर्ण स्थान रहा है. इन्हें बसंत ऋतु और विशेषकर चैत्र महीने में गाया जाता है. चैत्र के महीने में गाये जाने के कारण इ... Read more