कुमाऊँ के पशुचारकों का देवता चौमू
चौमू देवता का मूलस्थान चम्पावत जनपद में गुमदेश स्थित चमलदेव में है किन्तु चम्पावत के अतिरिक्त पिथौरागढ़ में वड्डा के निकट चौपाता तथा अल्मोड़ा की रयूनी तथा द्वारसों पट्टियों और उनके निकटवर्ती इ... Read more
गंगू रमौला की कथा
सुप्रसिद्ध गढ़वाली कवि-इतिहासकार तारादत्त गैरोला ने अंग्रेज ई. शर्मन ओकले के साथ मिलकर कुमाऊँ और पश्चिमी नेपाल की लोककथाओं (Uttarakhand Folklore) पर बेहद महत्वपूर्ण कार्य किया था. 1935 में पह... Read more
छोटा कैलाश: भीमताल ब्लॉक का विख्यात शिव मंदिर
भीमताल में छोटा कैलाश नैनीताल जिले के भीमताल (Bhimtal) ब्लॉक में एक पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है शिव मंदिर (Shiv Temple) छोटा कैलाश (Chota Kailash.) यहाँ तक पहुँचने के लिए आपको हल्द्वानी से सड़... Read more
बचपन की यादों का पिटारा घुघुतिया त्यार
[उत्तराखंड (Uttarakhand) में मनाया जाने वाला घुघुतिया त्यार (Ghughutiya)अब वैसे उत्साह से नहीं मनाया जाता. एक समय बच्चों के सबसे प्रिय त्यौहारों में शामिल घुघुतिया का आकर्षण आधुनिकता के साम... Read more
हल्द्वानी में उत्तरायणी के जुलूस की तस्वीरें
हल्द्वानी में निकलता है हर साल उत्तरायणी का जुलूस उत्तरायणी (Uttarayani) के अवसर पर हल्द्वानी (Haldwani) नगर में एक जुलूस (Procession) निकाला जाता है. इस मौके पर नगर और आसपास के लोगों की बड़ी... Read more
कुमाऊँ के बागेश्वर में सरयू-गोमती के संगम पर उत्तरायणी (Makar Sankranti) का विशाल मेला लगता है. इस उत्तरायणी मेले का पौराणिक, धार्मिक व व्यावसायिक महत्व होने के साथ ही ऐतिहासिक महत्व भी है.... Read more
मकर संक्रान्ति भारत और नेपाल के हिंदुओं द्वारा मनाये जाने वाले प्रमुख त्यौहारों में से एक है. मकर संक्रान्ति का त्यौहार पूरे भारत में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है. पौष मास में जब सूर्य... Read more
घोड़ाखाल: धार्मिक आस्था और सैन्य शिक्षा का केंद्र
उत्तराखण्ड के कुमाऊँ मंडल के नैनीताल जिले का एक छोटा सा क़स्बा है भवाली. यह क़स्बा समुद्र तल से 1,654 मीटर की उंचाई पर बसा है. भवाली कुमाऊँ मंडल का एक महत्वपूर्ण क़स्बा है. यह कुमाऊँ की सबसे बड़... Read more
पतिव्रता रामी बौराणी के त्याग व समर्पण की लोककथा
रामी बौराणी की कथा उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल की एक बहुप्रचलित लोककथा है. रामी का पति बीरू सेना में है. एक दफा उसके पति को युद्ध में दूर बॉर्डर पर लड़ने जाना पड़ता है. रामी के भाग्य में भी पह... Read more
पाण्डवाज़ का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू
[एक ऐसे समय में जब कुमाऊँ-गढ़वाल का लोकसंगीत संभवतः अपने सबसे बुरे और बेसुरे दौर से गुज़र रहा था, ताज़ा हवा के एक झोंके की तरह ‘पाण्डवाज़’ नामक संगीत समूह ने प्रवेश किया और अपनी प्रोडक्शन-गुणवत्... Read more