रितुरैण या ऋतुरैण (Riturain) गीतों का उत्तराखण्ड की लोक परम्पराओं में महत्वपूर्ण स्थान रहा है. इन्हें बसंत ऋतु और विशेषकर चैत्र महीने में गाया जाता है. चैत्र के महीने में गाये जाने के कारण इ... Read more
शकुनाखर: मांगलिक अवसरों पर गाये जाने वाले गीत
शकुनाखर (Shakunakhar) उत्तराखण्ड (Uttarakhand) के कुमाऊँ मंडल में किसी भी शुभ कार्य की शरुआत से पहले गाये जाने वाले गीत हैं. शकुन का अर्थ है शगुन और आखर मतलब अक्षर. इस तरह यह नाम शगुन के मौक... Read more
काफल ट्री के नियमित सहयोगी चंद्रशेखर तिवारी ने ‘उत्तराखण्ड होली के लोक रंग’ नाम से एक महत्वपूर्ण पुस्तक का सम्पादन किया है. समय साक्ष्य प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का प्रार... Read more
कुमाऊँ का हुड़किया समुदाय
लोकसंस्कृति के पुरोधा हुड़किया उत्तराखण्ड के कुमाऊँ मंडल में एक उपजाति हुआ करती है. यह राजस्थान की मिरासी जाति की ही तरह एक जाति है. यह उत्तराखण्ड की शिल्पकार (दलित) जाति की ही एक उपजाति (Hud... Read more
खुदेड़ गीत उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल में बसंत के मौके पर गाये जाने वाले गीत हैं. यह गीत नवविवाहिताओं के द्वारा गाये जाते हैं. इसमें मायके जाकर माता-पिता एवं भाई-बहनों से मिलने की आकुलता के भाव... Read more
उत्तराखण्ड (Uttarakhand)में ऋतु गीत गए जाने की परंपरा है, यह अब विलुप्त होती जा रही है. बसंत ऋतु में गाये जाने वाले ऋतु गीतों (Folk Songs) को ऋतुरैण (Riturain) कहा जाता है. इन गीतों को ख़ास त... Read more
लाल बुरांश: एक उत्तराखंडी लोककथा
ज़माने पुरानी बात है. एक गाँव में किसान परिवार रहा करता था. इनकी एक ही बेटी थी. बड़ी होने पर उन्होंने अपनी बेटी का ब्याह कर दिया. विवाह के बाद तीज-त्यौहार, उत्सव-पर्व के मौके पर किसान दंपत्ति... Read more
प्रकृति के वैभव के बीचोबीच है ऐड़ाद्यो का मंदिर
ऐड़ाद्यो के मंदिर (Airadyo Temple Uttarakhand) पहुँचने के लिए अल्मोड़ा से दो अलग-अलग रास्ते हैं. पहले रास्ते के लिए अल्मोड़ा से रानीखेत के समीप मजखाली होते हुए कोरेछीना पहुँचते हैं. कोरेछीना से... Read more
उत्तरकाशी की जाड़ जनजाति की अनोखी विवाह परंपरा
जाड़ जनजाति (Jaad Tribe) मूलतः गढ़वाल मंडल के उत्तरकाशी की उत्तरी सीमा में है. भागीरथी की ऊपरी सहायक नदी जाड़गंगा (जाहनवी ) के नेलांग घाटी इनका मूल निवास हुआ करता था. हाल-फिलहाल ये उत्तरकाशी के... Read more
एक परिंदा उत्तराखण्ड की जिस लोककथा याद दिलाता है
उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल की एक लोककथा (A folklore of Garhwal Mandal of Uttarakhand) एक गांव में एक दूसरे से अगाध स्नेह रखने वाले भाई और एक बहन रहा करते थे. भाई-बहन के प्यार की चर्चा पूरे इला... Read more