लोककथा : शेरू और श्याम
सावित्री ने आज घर पर ही रहने का फैसला किया. थकाऊ खेती के काम से आज उसे फुरसत मिली थी. हफ्ते दस दिन से वह इतनी व्यस्त हो गयी थी कि अपने बेटे को समय नहीं दे पा रही थी. चाहती थी कि आज वह अपने ब... Read more
लोककथा : ह्यूंद की खातिर
पुरानी बात है जब दो वक्त की रोटी जुटाना ही बड़ी बात थी. उन्नत बीज और सही जानकारी न होने की बजह से खेतों में कठिन परीश्रम करने के बावजूद भी पैदावार कम ही होती. परन्तु लोग अभाव में रहते हुये भ... Read more
लोककथा : दुबली का भूत
सम्पूर्ण हिमालयी क्षेत्रों में स्थायी निवास के साथ-साथ प्रायः एक अस्थाई निवास बनाने का चलन है, जिसे छानी या खेड़ा कहा जाता है. इन छाानियों में कभी खेती-बाड़ी बढ़ाने के लिए तो कभी हवा पानी बद... Read more
ऐपण उत्तराखण्ड के कुमाऊं मंडल की बहुप्रचलित लोककला है. कुमाऊँ के हर घर की महिलाएं मांगलिक अवसरों पर इसे सदियों से बनाती हैं. कुमाऊँ की हर महिला एक ऐपण आर्टिस्ट है कहा जाए तो गलत नहीं होगा. व... Read more
उत्तराखण्ड के एक लोक शिल्पी का जीवन
ग्राम नुवाली पोस्ट चैनपुर, जिला पिथौरागढ के रहने वाले फुन राम इस समय 80 साल के है. फुन राम बचपन से ही अपने पिता देव राम के साथ दैन (पहाड़ी नगाड़ा) पर खाल चढ़ाने का काम करते आए हैं. उनके पिता... Read more
बसंत के इस्तकबाल का त्यौहार है फूलदेई
ऋतुराज बसंत का स्वागत उत्तराखण्ड को देवभूमि के साथ उत्सवों की भी भूमि कहा जाय तो गलत नहीं होगा. यहाँ साल भर उत्सव, पर्व, त्यौहार, मेलों की धूम रहती है. बसंत के आगमन का स्वागत भी उत्तराखण्ड )... Read more
घुघुती की हमारे लोकजीवन में गहरी छाप है
घुघूती का महत्व देश के अन्य भागों में कितना है कह नहीं सकता किन्तु गढ़वाल-कुमाऊँ में घुघुती की छाप सबके मन में है. चैत-बैसाख की बात हो और घुघुती की बात न हो, ऐसा नहीं हो सकता. लोक संस्कृति य... Read more
बंसत पंचमी नये कार्यों की शुरुआत करने का पर्व है
बसंत ऐग्ये हे पार सार्यो मां, रूणक झुणक ऋतु बसंत गीत लगांदि ऐग्ये… आज से बंसत का आगमन हो गया है. बसंत पंचमी खुशियों की शुरुआत का त्योहार है. इस बार बसंत पंचमी दो दिन मनायी जा सकती है.... Read more
उत्तराखण्ड के बागेश्वर में लगने वाला उत्तरायणी मेला ऐतिहासिक महत्व रखता है. (Uttarayani Mela Bageshwar 2020) पुराने समय में यह मूलतः व्यापार आधारित था. दूर दराज से लोग खरीदारी करने यहाँ आते... Read more
अभिलाषा पालीवाल के ऐपण कला में अद्भुत प्रयोग
हल्द्वानी में रहने वाली अभिलाषा पालीवाल की ऐपण कला पारंपरिक ऐपण कला और आधुनिक पेंटिंग का अद्भुत सम्मिश्रण हैं. देहरी और दीवारों के अलावा भी अभिलाषा की कल्पना की उड़ान ऐपण कला को नया आसमान दे... Read more