26 मार्च 1974. उत्तराखंड का एक छोटा सा गाँव. नाम रैणी. गाँव की सभी महिलाएं एक बहादुर स्त्री के नेतृत्व में तीन दिन और तीन रात अपने पेड़ों को बचाने के लिए उनसे चिपक कर खड़ी रहती हैं. इन पेड़ों क... Read more
समकालीन जनमत से साभार लिया गया निस्सीम मन्नातुक्करन का यह लेख पूंजीवाद के डीएनए में मौजूद मनुष्य-विरोधी तत्त्वों की शिनाख्त करता है और उसके खतरनाक इरादों का पर्दाफाश भी. हमारे मुल्क में स्वच... Read more
वन स्ट्रॉ रेवोल्यूशन वाले जापानी मासानोबू फुकुओका और पर्मीकल्चर के प्रतिनिधि आस्ट्रियाई किसान सैप होल्ज़र फिलहाल विश्वविख्यात नाम हैं और दुनिया भर के पर्यावरणविद उन्हें हाथोंहाथ लेते हैं और उ... Read more
भारत का तीन दिशाओं में तैनात प्रहरी हिमालय क्षतिग्रस्त हो गया है, किसी बाहरी दुश्मन ने नहीं किया, यह भीतरघात है. इस गुपचुप भीतरी हमले की शुरुआत, हिमालय के जन जीवन पर आघात की कहानी, उत्तराखंड... Read more