हिमालय में प्लूटोनियम – सी आई ए का एक और अपराध
शीतयुद्ध के दौरान सी आई ए ने कुछ कामों को हर सूरत में सरंजाम देना ही था – कम्यूनिज़्म को रोकने के लिए कैसी भी कीमत चुकाई जा सकती थी और किसी भी तरह की तकनीकी बाधा को पराजित किया जा सकता... Read more
जल्दी ही बहुत कुछ किया जाना है हिमालय के लिए
मावन सभ्यता का रखवाला हिमालय -सुन्दरलाल बहुगुणा हिमालयी वनों से देश को हर साल 6.96 लाख करोड़ रुपए की पर्यावरणीय सेवाएँ प्राप्त हो रही हैं. इन सेवाओं को विस्तृत रूप में देखा जाये तो गंगा, ब्र... Read more
आयुष प्रदेश बनाने का दावा पहली बार नहीं हुआ है, पहले भी सरकारें आई, उन्होंने भी आयुष प्रदेश बनाने केा लेकर हल्ला मचाया था. सबसे अधिक हल्ला तो पिछली भाजपा सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री डाॅ र... Read more
केदारनाथ पहुंचा बन्दर, तो लेह लद्दाख पहुंचा लँगूर
हिमालय ग्लोबल वार्मिंग से झुलस रहा है. अब इसका असर दिखने लगा है. लेह लद्दाख में लंगूर पहुंच गये हैं तो केदारनाथ से ऊपर तक बंदर आराम से अपने परिवार के साथ रह रहे हैं. ये दोनों ही जीव अमूमन, ज... Read more
कार्बन उत्सर्जन को कम करना भारत नहीं, दुनिया के तमाम देशों के लिए चुनौती बना हुआ है. भयावह होती जा रही इस समस्या से निपटने के लिए एशिया पैसिफिक रीजनल नॉलेज एक्सचेंज इवेंट-2018 का आयोजन देहरा... Read more
एक मिसाल है उत्तराखंड के जगत सिंह चौधरी ‘जंगली’ का जंगल : विश्व वन दिवस विशेष
उत्तराखण्ड के गढ़वाल इलाके में रूद्रप्रयाग जिले के एक छोटे से गांव में रहते हैं जगत सिंह चौधरी और ‘जंगली’ के नाम से जाने जाते हैं. ‘जंगली’ के जंगल तक पहुंचने के लिए रूद्रप्रयाग से कर्णप्रयाग... Read more
जंगली बने सीमा सुरक्षा बल के ब्रांड एम्बेसेडर
अपनी जिद और परिश्रम के बल पर बंजर धरती को हरे-भरे जंगल में बदलें वाले और अब एक पर्यावरणविद के रूप में विख्यात हो चुके जगत सिंह चौधरी उर्फ़ जंगली को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अपना पर्यावरण ब... Read more
हिमालयी विकास का ढाँचा – अनिल प्रकाश जोशी हिमालय को समझने की भूल शुरुआती दौर से ही हो चुकी है. इसे पहाड़, पानी, वनों का ही हिस्सा समझते हुए व्यवहार किया गया, जबकि हिमालय वेद पुराण के अ... Read more
भीषण जलसंकट की कगार पर उत्तराखण्ड
नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पर्यावरण में आ रहे बदलावों के कारण हिमालय से निकलने वाली 60 प्रतिशत जलधाराएँ सूखने की कगार पर हैं. इम्हीं जलधाराओं से गंगा यमुना जैसी नदियाँ बनती हैं. रिपोर्ट... Read more
उत्तराखंड जिले के सीमांतवर्ती क्षेत्र उपला टकनौर पट्टी के अंतर्गत जसपुर, हर्षिल, झाला, धराली, पुराली, बगोरी, मुखवा और सूखी, के एक दर्जन से अधिक गांव आते हैं. यहाँ की 90 प्रतिशत आबादी सेब की... Read more