वैश्विक स्तर पर चिंता का विषय बने जलवायु परिवर्तन के असर से 71 फीसद वन भूभाग वाला उत्तराखंड भी अछूता नहीं है. असर उत्तराखंड में वन्यजीवों पर ही नहीं वनस्पतियों पर भी दिखाई देने लगा है. वे भी... Read more
ये चरवाहे और मेमने भी तो हमारे ही हैं सरकार!
क्या आपने उत्तराखण्ड के अन्वाल समुदाय का नाम सुना है? यदि नहीं तो आज हम आपको उनकी कथा सुनाने जा रहे हैं. हम आपको बताएंगे कि कम्प्यूटर और रोबोट से संचालित इस इक्कीसवीं सदी में भी हिमालय की ऊं... Read more
उत्तराखण्ड की वनरावत जनजाति
उत्तराखंड के सामाजिक गठन का एक अन्य वर्णेत्तर घटक है वनरौत या वनराजी. पिथौरागढ़ जनपद के अस्कोट खंड के निकटस्थ सघन वनों में आखेटकीय एवं गुहावासी जीवन बिताने वाले वनरौतों (राजियों) को अपनी पृथ... Read more
जिला पिथौरागढ़ में एक गाँव होता था लाचुली. पूरा पता – ग्राम लाचुली, पोस्ट देकुना, तेजम, जिला- पिथौरागढ़. ‘था’ इसलिए कह रहा हूँ कि सरकारी फाइलों में बाकायदा बने रहने के बावजूद आज इस गाँव में एक... Read more
हिमालय में प्लूटोनियम – सी आई ए का एक और अपराध
शीतयुद्ध के दौरान सी आई ए ने कुछ कामों को हर सूरत में सरंजाम देना ही था – कम्यूनिज़्म को रोकने के लिए कैसी भी कीमत चुकाई जा सकती थी और किसी भी तरह की तकनीकी बाधा को पराजित किया जा सकता... Read more
जल्दी ही बहुत कुछ किया जाना है हिमालय के लिए
मावन सभ्यता का रखवाला हिमालय -सुन्दरलाल बहुगुणा हिमालयी वनों से देश को हर साल 6.96 लाख करोड़ रुपए की पर्यावरणीय सेवाएँ प्राप्त हो रही हैं. इन सेवाओं को विस्तृत रूप में देखा जाये तो गंगा, ब्र... Read more
आयुष प्रदेश बनाने का दावा पहली बार नहीं हुआ है, पहले भी सरकारें आई, उन्होंने भी आयुष प्रदेश बनाने केा लेकर हल्ला मचाया था. सबसे अधिक हल्ला तो पिछली भाजपा सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री डाॅ र... Read more
केदारनाथ पहुंचा बन्दर, तो लेह लद्दाख पहुंचा लँगूर
हिमालय ग्लोबल वार्मिंग से झुलस रहा है. अब इसका असर दिखने लगा है. लेह लद्दाख में लंगूर पहुंच गये हैं तो केदारनाथ से ऊपर तक बंदर आराम से अपने परिवार के साथ रह रहे हैं. ये दोनों ही जीव अमूमन, ज... Read more
कार्बन उत्सर्जन को कम करना भारत नहीं, दुनिया के तमाम देशों के लिए चुनौती बना हुआ है. भयावह होती जा रही इस समस्या से निपटने के लिए एशिया पैसिफिक रीजनल नॉलेज एक्सचेंज इवेंट-2018 का आयोजन देहरा... Read more
एक मिसाल है उत्तराखंड के जगत सिंह चौधरी ‘जंगली’ का जंगल : विश्व वन दिवस विशेष
उत्तराखण्ड के गढ़वाल इलाके में रूद्रप्रयाग जिले के एक छोटे से गांव में रहते हैं जगत सिंह चौधरी और ‘जंगली’ के नाम से जाने जाते हैं. ‘जंगली’ के जंगल तक पहुंचने के लिए रूद्रप्रयाग से कर्णप्रयाग... Read more