दो हजार साल पहले पिथौरागढ़ के तीन ओर था एक सरोवर
वह सरोवर बचपन में अपने “मुलुक’ (Pithoragarh) के बारे में पूछता था तो दादी बताती थीं एक ऐसे मैदान के बाबत, जिसमें मीलों तक पत्थर दिखते ही न थे. पहली बार सोर घाटी देखी तो लगा कि दादी ने अतिशयो... Read more
हिमालय के पहाड़ी इलाकों ख़ास तौर पर उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश और नेपाल में पाई जाने वाली कुत्तों की सबसे विख्यात नस्ल है हिमालयन शीपडॉग. आम बोलचाल की भाषा में इसे भोटिया कुकुर कहा जाता है. आधि... Read more
पिछले दो दशकों से पिथौरागढ़ के लोग नगर के आसमान पर उड़ता हुआ हवाई जहाज देख पाने की उम्मीद लगाये बैठे हैं. जहाज तो कभी दिखा नहीं लेकिन पिछले कुछ सालों में नैनीपातल से बनने वाला धुँआ पिथौरागढ़ के... Read more
उत्तराखण्ड के तीन जिलों – पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी – की सीमाएं चीन से लगती हैं. अस्सी के दशक तक इन तीनों जिलों में रहने वाली आबादी का नब्बे प्रतिशत से अधिक हिस्सा ग्रामीण था.... Read more
उत्तराखंड में कृषि भूमि का केवल 12% सिंचित है. यहाँ की 50% से अधिक आबादी को रोजगार कृषि से ही प्राप्त होता है. उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल इलाके में किसान ऐसा फसल चक्र अपनाते हैं जिसमें पूरा जी... Read more
पहाड़, पर्यावरण और प्लास्टिक का कचरा
अस्सी के दशक के शुरुआती वर्षों के दौरान मेरे गाँव के लोग स्थायी गाँव से दूर खेड़े (मंजरों) में जमीन कमाने जाते थे. गाँव के अन्य बच्चों की तरह मैं भी अपने परिवार वालों के संग हो लेता. वहीं खेल... Read more
बायोमेडिकल वेस्ट यानी अस्पतालों से निकला हुआ कूड़ा. इस कूड़े से तमाम बीमारियां होने की आशंका बनी रहती है. इसे खुले में फेंकना दंडनीय अपराध है. इसके बावजूद मैदानी क्षे़त्रों के अलावा गाड़ गधेरों... Read more
सरकार की अनसुनी से आहत स्वामी सानंद ने अनशन के 112वें दिन प्राण त्याग दिए
112 दिनों से आमरण अनशन कर रहे 86 वर्षीय स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद का आज दोपहर ऋषिकेश में निधन हो गया. बीते दिन पुलिस ने जबरन उन्हें अनशन स्थल से उठाकर एम्स में भर्ती कराया था. लेकिन अस्पताल... Read more
इसलिए जरूरी है गंगा बचाने को 112 दिन तक अनशन पर बैठे इस वैज्ञानिक स्वामी को जानना
गंगा के लिये तड़पता एक ऋषि वैज्ञानिक -डॉ. अनिल गौतम मानवीय प्रयासों द्वारा धरती में अवतरित एकमात्र नदी गंगा को वर्तमान पीढ़ी भविष्य के लिये नहीं छोड़ना चाहती. इतिहास इस बात का गवाह है कि जब भी... Read more
प्राकृतिक संसाधनों पर जलविद्युत परियोजनाओं का साया
उत्तराखण्ड राज्य 53,484 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में बसा है. पर्यटन व तीर्थाटन का यह एक अद्भुत केन्द्र भी है. भागीरथी, अलकनंदा, मन्दाकिनी, सरयू, महाकाली जैसी पवित्र नदियों के उद्गम स्थान होने... Read more