अपने हिमालय की चोटियों को पहचानिए – त्रिशूल
( पोस्ट को नीरज पांगती की आवाज़ में सुनने के लिए प्लेयर पर क्लिक करें ) हिमालय की तीन सुन्दर चोटियों के समूह को त्रिशूल के नाम से जाना जाता है. भगवान शिव के अस्त्र त्रिशूल जैसा दिखाई देने के... Read more
अपने हिमालय की चोटियों को पहचानिए – नन्दा देवी
नन्दा देवी की चोटी भारत की दूसरी सबसे बड़ी हिमालयी चोटी है. पूरी तरह भारत में स्थित यह देश की सबसे ऊंची हिमालयी चोटी है. भारत-नेपाल सीमा पर स्थित कंचनजंघा को फिलहाल सबसे ऊंचा माना जाता है. पू... Read more
जिला अल्मोड़ा के अंतर्गत बिनसर-धौलछीना मोटर मार्ग के पास ग्राम कतनिया नैल एक स्वच्छ, सुंदर व संपन्न गाँव है जहां लोगों की पुरानी आबादी है. गाँव वाले अपनी गुजर-बसर में जंगल, बैल, गाय, भैंस पाल... Read more
हिमाचल प्रदेश के पालमपुर के पास एक गाँव में बसा है संभावना संस्थान . संभावना एक शैक्षणिक संस्थान है. पालमपुर नगर से संभावना परिसर की दूरी 8 किमी है. पिछले पांच सालों से हर साल संभावना संस्था... Read more
उत्तराखंड में बीज बचाओ आन्दोलन
80 के दशक तक उत्तराखंड के पहाड़ों में भी हरित क्रान्ति ने जोर पकड़ लिया था. पहाड़ों में सरकारी व कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने हरित क्रांति की रासायनिक खेती का प्रचार-प्रसार किया. लोगों... Read more
वृक्ष मानव का निधन विश्वेश्वर दत्त सकलानी ने आठ साल की उम्र में अपने जीवन का पहला पौधा लगाया था. 96 वर्ष की आयु तक उन्होंने टिहरी-गढ़वाल जिले में कम से कम पचास लाख पेड़ लगाये. वह उत्तराखंड के... Read more
पचास लाख पेड़ लगाने वाले मसीहा का जाना
कल यानी बीते शुक्रवार को उत्तराखंड के ‘वृक्ष मानव’ (Tree Man) के नाम से विख्यात श्री विश्वेश्वर दत्त सकलानी (Vishweshwar Dutt Saklani) का देहांत हो गया. उनके परिजनों की मानें तो उन्होंने अपन... Read more
दो हजार साल पहले पिथौरागढ़ के तीन ओर था एक सरोवर
वह सरोवर बचपन में अपने “मुलुक’ (Pithoragarh) के बारे में पूछता था तो दादी बताती थीं एक ऐसे मैदान के बाबत, जिसमें मीलों तक पत्थर दिखते ही न थे. पहली बार सोर घाटी देखी तो लगा कि दादी ने अतिशयो... Read more
हिमालय के पहाड़ी इलाकों ख़ास तौर पर उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश और नेपाल में पाई जाने वाली कुत्तों की सबसे विख्यात नस्ल है हिमालयन शीपडॉग. आम बोलचाल की भाषा में इसे भोटिया कुकुर कहा जाता है. आधि... Read more
पिछले दो दशकों से पिथौरागढ़ के लोग नगर के आसमान पर उड़ता हुआ हवाई जहाज देख पाने की उम्मीद लगाये बैठे हैं. जहाज तो कभी दिखा नहीं लेकिन पिछले कुछ सालों में नैनीपातल से बनने वाला धुँआ पिथौरागढ़ के... Read more